एनटीपीसी लारा में एक सार्वजनिक सेवक के साथ~मारपीट…दहशत का माहौल

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रायगढ़।एनटीपीसी लारा के संरक्षित क्षेत्र में एक गंभीर घटना सामने आई है, जहां एक एनटीपीसी की कर्मचारी , जो कि एक सार्वजनिक सेवक है, तथा संविदा श्रमिक पर कुछ असामाजिक तत्वों ने हमला कर दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, रविवार दोपहर लगभग 1.45 बजे, एनटीपीसी लारा परिसर में स्थित धर्मकांटा के पास दीपे सिंह निवासी नेतनगर, रायगढ़ एवं अन्य ने एनटीपीसी के कर्मचारी सुशांत प्रधान तथा संविदा श्रमिक रति राम के साथ गाली-गलौज करते हुए गंभीर रूप से मारपीट की अवैध प्रवेश कर किया हमला~एनटीपीसी कर्मचारी सुशांत प्रधान, जो कि एक सार्वजनिक सेवक हैं,अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे थे।

तभी दीपे सिंह एवं अन्य ने अवैध रूप से संरक्षित क्षेत्र में प्रवेश कर उन पर हमला कर दिया। मारपीट के दौरान सुशांत प्रधान को गंभीर चोटें आईं, जिसके चलते वे चलने-फिरने में असमर्थ हो गए। घटना में संविदा श्रमिक रति राम भी हमले का शिकार हुए। उपचार के लिए घायलों को एंबुलेंस द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुसौर में भर्ती कराया गया।
एनटीपीसी कर्मचारियों में दहशत
यह हमला सिर्फ दो व्यक्तियों पर नहीं, बल्कि संपूर्ण एनटीपीसी कर्मचारियों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है। एक संरक्षित क्षेत्र में अवैध घुसपैठ कर सार्वजनिक सेवक पर हमला करना एक गंभीर अपराध है, जिससे कर्मचारियों में डर और असुरक्षा का माहौल बन गया है।

कर्मचारियों ने की कड़ी कार्रवाई की मांग।
घटना के बाद एनटीपीसी के कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। प्रशासन से मांग की जा रही है कि आरोपी दीपे सिंह एवं अन्य के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और कर्मचारी निर्भीक होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें। प्राप्त सूचना के अनुसार, पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की है, एवं आगे की कार्यवाही की जा रही है. हालांकि, कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा अधिनियम, 1990 के उल्लंघन में संरक्षित क्षेत्र में अवैध प्रवेश और शासकीय कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान लोक सेवक के साथ मारपीट करने वाले दोषियों के खिलाफ और कठोर धारा लागू की जाए, ताकि एनटीपीसी के कर्मचारी बिना किसी भय के कार्य कर सकें और कानून एवं व्यवस्था बनी रहे!