CG:जल जीवन मिशन का काम अधर में लटका…क्या कहती है~एसडीएम

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डेडलाइन पूरा होने के बाद भी अधूरे रहने की वजह से ग्रामीणों को नहीं मिल रहा पेयजल
गर्मी आते ही पानी का संकट गहराया
रायगढ़/जिले के लैलूंगा विकासखंड में जल जीवन मिशन के तहत सभी ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर पानी पहुंचे जिसके लिए केंद्र सरकार सजग है ।परंतु धरातल में कार्य कराने वाले PEH विभाग सहित संबंधित ठेकेदार सरकार की योजना को ठेंगा दिखाने का काम कर रहे है। इस भीषण गर्मी में ग्रामीणों को पानी नहीं मिलेगा क्योंकि जल जीवन मिशन के तहत टंकी का निर्माण तो कराया गया पर पेयजल की सफलाई नहीं हो पाई अब गर्मी आते ही जल संकट गहराने लगा है।

आपको बता दे कि केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीणों के घरों तक शुद्ध जल पहुंचाना है इसमें करोड़ों रुपये तो खर्च किए गए लेकिन आज भी कुछ ऐसे क्षेत्र है जहां ग्रामीणों को पीने के पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। कई गांवों में टंकी निर्माण कार्य अधूरा है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन का उद्देश्य ग्रामीणों के घरों में नल के जरिए पानी पहुंचाना है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में टंकियों का निर्माण कार्य शुरू किया गया लोगों के घरों तक पाइपलाइन बिछाए भी गए।

लेकिन कई गांवों में आज तक पानी की टंकी ही पूरी नहीं बन पाई है जो बनी है वह भी आधी अधूरी है। ऐसे में जल जीवन मिशन को लेकर विभाग के निर्माण कार्य सवालों के घेरे में है ।आज भी गांव में पेयजल की समस्या बरकरार है।पानी की समस्या को लेकर जायजा लेने जब हमारी टीम गांव में पहुंची।तो पता चला कि मुख्यालय से सटा ग्राम पंचायत,रुडुकेला,मांझीआमा,केंदाटिकरा, कुंजारा सहित कई गांव है जहां जल जीवन मिशन का पानी घरों तक नहीं पहुंच रहा है कई जगह तो बोर खनन तक नहीं किया गया है वही ग्राम पंचायत रुडुकेला के फ़िटिंगपारा में पानी का विकराल समस्या है टंकी से सुबह मात्र 10 मिनट के लिए पानी आता है वही मोहल्ले के सभी हैंड पंप खराब पड़े है जिससे वहां के महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है!

जल जीवन मिशन के लिए वित्तीय वर्ष 2022,23 शुरू किया गया था जिसके लिए करोड़ो रुपए आवंटित किए गए थे योजना की जब शुरुआत हुई तो ग्रामीणों में उम्मीद जागी कि अब उन्हें शुद्ध पेयजल मिल सकेगा इस कार्य को पूरा करने के लिए 31 मार्च 2024 की समय सीमा रखी गई थी, लेकिन यह योजना आज भी अधर में लटकी हुई है इस योजना में अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है जिस वजह से यह योजना पूरी तरह विफल नजर आ रही है। लैलूंगा जनपद पंचायत के दर्जनों गांव में जल जीवन मिशन के तहत पानी टंकी का निर्माण किया गया है।

शपाइपलाइन बिछाई गई और हर घर में नल की टोटी लगाई गई लेकिन दो साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद यह योजना सिर्फ कागजों पर ही । लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत का उद्देश्य अधूरा ही है। जब योजना शुरू हुई थी, तो ग्रामीणों के मन एक आश जगा था कि अब हमें शुद्ध पानी मिलेगा और गर्मियों में जल के लिए भटकना नहीं पड़ेगा परंतु टंकियां अधूरी पड़ी है और टोंटियों में पानी नहीं आ रहा है।
क्या कहती है~सुश्री अक्षा गुप्ता एसडीएम लैलूंगा
विभाग के अधिकारियों से बैठक करके पता करवाती हूं जहां~जहां कार्य नहीं हुए है~वहां कार्य शुरू करेंगे जहां इस तरह की समस्या है~ग्रीष्मकालीन में समस्या ना हो घटिया निर्माण की बात है~तो इसमें जांच करवा कर कार्यवाही करेंगे….