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आखिर कब तक मिलेगा न्याय शासन कब सुनेगी समस्याएं…यह अकेली कहानी नहीं~पिछले तीन वर्षों में इतनी मौते~संघ का आरोप ऐसा 26 वाँ प्रकरण~जानिए क्या है~पूरा मामला…

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आयुष्मान आरोग्य मंदिर जंगलपुर जिला खैरागढ़ छुईखदान गडई में पदस्त सी.एच.ओ. ने की आत्महत्या : शोषण की शिकार होने पर दे दी जान, महीनेभर पहले पति की हुई थी मौत, मासूम के सिर से उठा माता-पिता का साया ,  सी.एच.ओ. नौकरी बना अभिशाप, लगातार हो रही अनाचार एवं मौतें शासन खामोश, संघ का आरोप ऐसा 26 वाँ प्रकरण

आखिर कब मिलेगा न्याय, शासन कब सुनेगी समस्या

जिला खैरागढ़ छुईखदान गंडई के आयुष्मान आरोग्य मंदिर जंगलपुर मे पदस्त कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी श्रीमती आरती यादव  ने आत्महत्या कर ली । एक ऐस  दर्दनाक घटना ने स्वास्थ्य प्रणाली की क्रूर सच्चाई को उजागर किया है। एक समर्पित महिला सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) ने अफसरों की मानसिक प्रताड़ना के चलते आत्महत्या कर ली। यह त्रासदी केवल एक मौत नहीं, बल्कि व्यवस्था की विफलता का चीत्कार है।

महिला सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी एक साल के मासूम बच्चे की मां थी। एक महीने पहले अपने पति को दुर्घटना में खोने के बाद उसने छुट्टी की गुहार लगाई, मगर उसे ठुकरा दिया गया। अपने घर दुर्ग से दूर वह अकेले स्वास्थ्य केंद्र में रहकर सेवाएँ देती रही। कोई सहकर्मी नहीं, कोई सहारा नहीं- बस अनगिनत जिम्मेदारियाँ बखूबी निभाती रही। पति की मृत्यु के बाद केंद्र बंद होने पर भी सुशासन त्योहार में शिकायतें हुई, जिससे उच्च अधिकारियों ने उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।आर्थिक संकट ने उसे और तोड़ा।

एक महीने का वेतन, तीन महीने का कार्य आधारित भुगतान और केंद्र के लिए फंड- सब रोक दिया गया। स्थानांतरण की कोशिशें संविदा शोषण की भेंट चढ़ गई। हाल ही में जारी कार्यदायित्व ( TOR )  ने सारा बोझ उस पर डाल दिया, चार लोगों का काम अकेले करने का दबाव दिया। दो-तीन दिन पहले वेतन कटौती की धमकी ने उसकी उम्मीद छीन ली।

यह अकेली कहानी नहीं है। पिछले तीन वर्षों में पाँच CHO ने कार्य दबाव में जान गँवाई। छत्तीसगढ़ राज्य एन एच एम कर्मचारी संघ तथा सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी संघ संयुक्त ने कहा,“यह मौत एक माँ की नहीं, पूरी व्यवस्था की हार है।” संघ ने मांग की है कि उचित कार्यभार,मानसिक स्वास्थ्य सहायता मिले और संविदा शोषण का अंत हो।

सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी संघ के द्वारा लगातार सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के नियमितीकरण,स्थानांतरण समेत विभिन्नन मांगो हेतु निरंतर प्रयास किया जा रहा पुरे प्रदेश में महिला स्वास्थ्य कर्मी पर होने वाले  महिला प्रताड़ना बढ़कर 26 हो चूका हैं जिसके सम्बन्ध में संघ द्वारा स्वास्थ्य मंत्री , महिला बाल विकास मंत्री , मिशन संचालक समेत कई आला अधिकारियों को पत्र प्रेषित किया गया हैं उक्त पत्र के अवलोकन उपरांत महिला सुरक्षा को नजर में रखते हुए महिला बाल विकास मंत्री के द्वारा स्वास्थ्य मंत्री को मांग पूर्ण करने हेतु पत्र  प्रेषित किया गया था  परंतु अभी तक धरातल में किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नजर नहीं आयी हैं अगर उक्त पर कार्यवाही नही हो जाती तो भविष्य में इस प्रकार के कृत होने के संभावना बढ़ रही हैं ।

उक्त प्रकरण पर संघ के प्रांताध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार ने कहा हैं-कि प्रदेश के 3500 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी आक्रोशित हैं-जिस पर अगर शाशन समय रहते उचित संज्ञान नहीं लिया तो संघ प्रदेशव्यापी उग्र आंदोलन का आगाज करेगा।

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