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जिला जेल में बंदियों से हो रही हफ्ता वसूली और डंडे से मारपीट,सीजेएम से हुई शिकायत
विचाराधीन बंदियों एवं जेल स्टाफ पर लगाए प्रताडना के आरोप
रायगढ।जिला जेल में विचाराधीन बंदियों से हफ्ता वसूली और डंडे से मारपीट का मामला सामने आया है। बंदियों एवं जेल स्टाफ की कठोर प्रताडना से तंग आकर एक विचाराधीन बंदी ने अपने परिजन के माध्यम से सीजेएम को शिकायत कर दी। जेल में बेरहमी से की गई पिटाई से बंदी के नितंब को गहरी चोट पहुंची है। सीजेएम के आदेश पर जिला अस्पताल में उसका उपचार कर जरूरी दवाएं दी गई। वहीं जेलर ऐसे आरोपों को बेबुनियाद बताकर आल इज वेल कह रही हैं।

जिला जेल में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। जेल में विचाराधीन एवं सजायाफ्ता बंदियों एवं कुछ स्टाफ रंगदारी का काम कर रहे है। हालाकि ऐसे आरोप लगते रहते हैं लेकिन मामला कभी सामने नहीं आ पाता है। जेल के इन पंडों की प्रताडना से डरकर कभी बंदी खुलकर शिकायत नहीं करते लेकिन इस बार पानी सिर के उपर से निकल गया तो मामला कोर्ट तक पहुंच गया।

जी हां जेल में बंद एक विचाराधीन बंदी को पहले से ही बंद कुछ बंदियों एवं असमाजिक तत्वों ने हफ्ता वसूली के नाम पर इनता प्रताडित किया कि उसने जेल के पंडों एवं स्टाफ की कारगुजारी की पोल खोल दी। बंदियों के परिजन ने आरोप लगाए कि उनके भाई के साथ जेल में बर्बरता की जा रही है। पैसे नहीं देने पर जेल स्टाफ और साथी बंदी अत्याचार कर रहे हैं और वो भी ऐसा कि वो किसी को बताने लायक भी नहीं है। विचाराधीन इस बंदी की डंडे से इतनी पिटाई की गई कि उसके नितंब में खून के थक्के जम गए।
कपडे पहनने में भी दर्द होने लगा। तकलीफ जब बहुत ज्यादा बढ गई तो उसने हिम्मत जुटाकर जेल प्रबंधन और साथी बंदियों के खिलाफ आवाज उठाई और सीजेएम से शिकायत कर दी। जिसके बाद सीजेएम नेहा यति मिश्रा ने बंदी के स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार के आदेश दिए और जिला अस्पताल में डाक्टरों ने उसका उपचार कर जरूरी दर्द निवारक दवाएं दी।

जेलर कह रही आरोप गलत
जिला जेल में बंदियों से मारपीट और हफ्ता वसूली की इस शिकायत पर जब जिला जेलर एस शोभा रानी से बातचीत की गई तो उन्होंने आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि बंदी ने सीजेएम के पास आवेदन दिया था,लेकिन ऐसी बात नहीं है। कई बार बंदी अपने परिजन से मिलकर भावुक हो जाते हैं।। और कुछ भी शिकायत कर देते हैं। उन्होंने बंदी के नितंब में पिटाई से पहुंची गंभीर चोट के संबंध में भी अनभिज्ञता जताकर सब कुछ आल इज वेल कह दिया।

जिला जेल में क्षमता से अधिक बंदी
इन दिनों क्षमता से अधिक विचाराधीन बंदी जेल में हैं। करीब 700 की क्षमता वाली जेल में 800 से अधिक बंदी सजा काट रहे हैं।

रायगढ़,जिले में हत्या, दुष्कर्म और गांजा तस्करी जैसे अपराधों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।यही कारण है कि जिला जेल में इन मामलों के अपराधी क्षमता से अधिक है और अपनी गुनाहों की सजा काट रहे हैं।जेल में हत्या के मामलों से जुड़े 268 विचाराधीन बंदी हैं। वहीं दुष्कर्म के मामलों में 101 अपराधी सजा काट रहे हैं…!