बिजारी में एसईसीएल का प्रबंधन फेल, गाड़ी चलाना हुआ मुश्किल (((((Video)))))
🔻बिजारी माइंस में secl प्रबन्धन की तानाशाही चरम पर🔻
🔻खदान के अंदर जाने वाली सड़क बेहद खराब, चार दिन
से खड़ी हैं गाडिय़ां, हर गाड़ी से एक टन कोयले की चोरी🔻

🔻गैर जिम्मेदार अफसरशाही की पीड़ा भुगत रहे है ट्रांसपोर्टर और ड्राइवर🔻

रायगढ़:- जिले के घरघोड़ा तहसील अतर्गत secl की बिजारी कोल माइंस में जो तहसील मुख्यालय से करीब 12 किमी की दूरी पर स्थित है,यहां secl के अफसरों की तानाशाही चरम पर आ पहुंची है। इस वजह से यहां कोयला परिवहन करने वाली सैकड़ो गाड़ियां बीते चार दिनों से खड़ी हुई है।आम तौर पर यह गाड़ियां इस माइंस से ग्रेड 9 का कोयला परिवहन करती है।यहां कोयला परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्टरों ने क्रम वर ढंग से अपनी परेशानियां बतानी शुरू की। जिनमें पहली सबसे बड़ी समस्या यह है।

कि माइंस तक जाने वाली सड़क काफी लम्बे समय से टूट-फुट कर बदहाल हो चुकी है। इस पर वाहन चलाना बिल्कुल दूभर हो गया है। जबकि secl प्रबन्धन की यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह समय-समय पर माइंस तक जाने वाली सड़क की मरम्मत करवाता रहे ताकि कोल परिवहन में लगी गाड़ियां बिना किसी बाधा या रुकावट के निरतंर परिवहन करती रहें।

इस विषय मे ट्रांसपोर्टर और वाहन चालक कई बार अफसरों तक कई बार गुहार लगा चुके है, कि उन्हें निर्धारित समय मे कोल परिवहन को पूरा करने में सड़क की वजह से काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है। परन्तु प्रबन्धन है सड़क पर जरा भी ध्यान नही दे रहा है। हमारे बोलने पर अधिकारी कहते है काम करना है तो इसी हाल में करो। अभी सड़क की मरम्मत के लिए पैसे कहां से आएंगे।।
🔻कोयले में शॉर्टेज,भरपाई ट्रांसपोर्टर के जिमे🔻

ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि खदान से निकले कोयले में लगातार शॉर्टेज आ रहा है। माइंस में जो धर्मकांटा है उसमें अलग सेटिंग की गई है। खाली गाड़ी (ट्रिप ट्रेलर) और डाला बॉडी खाली जिसका औसत वजन साढ़े 14 टन होता है, वह कांटा में साढ़े 13 टन बताता है। इस वजह से हर रोज एक गाड़ी से एक टन कोयला कम आता है। ड्राईवरों ने कहा कि माइंस के
अफसर मानने को तैयार नहीं हैं। हर ट्रिप पर एक टन कोयला कम होता है, जिसकी भरपाई ट्रांसपोर्टरों को करनी पड़ रही है।
🔻ड्राईवरों के लिए कोई सुविधा नही🔻

ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि नियमित कोयला परिवहन में लगे बहुत से ट्रेलर या ट्रक ड्राईवरों का परिवार भी आसपास रहने लगा है। एसईसीएल प्रबंधन ने उन परिवारों के लिए भी कोई मूलभूत सुविधा विकसित नहीं की है। स्थानीय लोगों के लिए इंफ्रास्ट्र-चर डेवलप करने में भी एसईसीएल फिसड्डी है।

हॉस्पिटल और एंबुलेंस जैसी सुविधा भी प्रबंधन को देनी चाहिए। खराब रोड के कारण मौसम सूखा होने पर धूल का गुबार उड़ता है। आसपास रह रहे लोगों का जीना दूभर हो चुका है।माइंस के अंदर में बोर पंप लगे हुए हैं, जिनमें से अधिकांश खराब हो चुके हैं। जबकि खराब हुआ पंप की जगह तत्काल नया लगाना चाहिए। परन्तु बीते लगभग 3 महीने से पंप बंद है।
🔻ड्राईवरों से होती है मारपीट🔻

बिजारी माइंस में अपनी सुविधाओं की बात उठाने पर सुरक्षा और नोडल अधिकारी अभद्रता करते हैं।ड्राइवरों का कहना है कि सुरक्षा में लापरवाही के चलते बाहरी असमाजिक युवक यहां आकर ड्राईवरों से मारपीट और लूट भी करते हैं। परन्तु खदान क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर एसईसीएल बिल्कुल भी संवेदनशील नहीं है।

आए दिन मारपीट की घटना होती है। सुरक्षा अधिकारी कभी इस पर ध्यान नहीं देते। बिजारी के सब एरिया मैनेजर राजीव सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।




