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CG:गारे पेलमा से पदयात्रा कर आखिरी दिन ग्रामीण कलेक्टोरेट पहुंचे…सौंपा ज्ञापन

👇स्थानीय ग्रामीणों की ये हैं प्रमुख मांगें👇

१,मुड़ागांव में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने की वजह से वहां पानी पीने योग्य नहीं है!

उसे ठीक कराया जाए,जिला

खनिज न्यास (डीएमएफ) की रकम खदान और उद्योग प्रभावित इलाको में विकास एवं जरूरी कार्य के लिए खर्च हो!

२,उद्योगों की वजह से प्रदूषण फैल रहा है, स्वतंत्र संस्था से प्रभावित इलाकों में प्रदूषण स्तर की जांच कराई जाए।

अफसरों ने आईआईटी जैसी संस्था से इसमें जांच कराने के लिए प्रयास करने की बात कही है।

वन अधिकार पट्‌टों के वितरण प्रक्रिया जल्द अपनाई जाए ।

चिपटापाली से कुरुजखोल घरघोड़ा तक की सड़क बनाई जाए, पेलमा- मिलूपारा, हुकरा चौक से मीलूपारा और तमनार से बाहरी बाहर एक बायपास सड़क निर्माण । कुछ सड़कों को डीएमएफ से बनवाने के लिए एस्टीमेट बन चुका है।

नई खदानों पर प्रतिबंध के साथ आसपास इलाकों में धूल उड़ रहा है,उसका निपटारा हो।

रायगढ़।तमनार के ग्रामीणों ने पेलमा, उरबा, मिलूपारा में प्रस्तावित एसईसीएल (एमडीओ अदानी) की खदान और मुड़ागांव में प्रस्तावित महाराष्ट्र इलेक्ट्रानिक पावर जनरेशन की खदान निरस्त कराने और बुनियादी समस्याओं के निदान की मांग को लेकर कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने गारे पेलमा से 21 फरवरी को पदयात्रा शुरू की थी। पदयात्रा के आखिरी दिन ग्रामीण कलेक्टोरेट पहुंचे थे।

गुरुवार को राजस्व अफसरों को ज्ञापन देने के ग्रामीण कलेक्टर से मिलकर अपनी बात रखने पर अड़े रहे। आंदोलनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा से मुलाकात की। जिले के कोयला खदान प्रभावित इलाके में शुरू हुई पदयात्रा में सात से अधिक मांगे थी। ग्रामीणों ने कहा कि प्राकृतिक संसाधन जल जंगल और जमीन का विदोहन कई समस्याओं को जन्म दे रहा है।

ग्रामीणों ने जर्जर सड़क को बनाने और बढ़ते प्रदूषण को रोकने की मांग उठाई है। कलेक्टर ने शुक्रवार से ही ग्रामीणों की मांगों पर क्रियान्वयन करने का आश्वासन दिया। तमनार के ग्राम पंचायत पेलमा से जल-जंगल-जमीन बचाने को लेकर 3 दिनों से पदयात्रा कर गुरुवार को रायगढ़ पहुंचे।

6 से अधिक मांगों को लेकर ग्रामीणों ने पहले ज्वाइंट कलेक्टर को ज्ञापन सौपा।उसके बाद ग्रामीणों ने कलेक्टर से मुलाकात कर अपनी मांग रखने की जिद की। पहले एएसपी और एडीएम के साथ उनकी बैठक हुई, इसके बाद ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा से मिला,इस दल में सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम शर्मा, राजेश त्रिपाठी, जयंत बहिदार सहित काफी ग्रामीण मौजूद थे ।

प्रदूषण से शहर का बुराहाल
खराब सड़कों के साथ ही रायगढ़, घरघोड़ा ब्लॉक में स्थापित उद्योगों से निकलते धुएं के साथ कोयले का असुरक्षित परिवहन और खराब सड़कों से उड़ती धूल के कारण जिले और खासकर शहर में प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक है। प्रदूषण नियंत्रण पर कार्रवाई नहीं होने से शहर में हवा दूषित है। शहर के ऊपर धुएं और धूल की चादर सी फैली रहती है। पेड़ पौधों पर काली धूल जमने के साथ ही घरों तक दूषित हवा लोगों की सेहत बिगाड़ रही है।

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