बड़ी खबर:सीटिंग एमएलए के विरोध के बाद अब मंत्री का विरोध भी…देखिए वीडियो…

इस मंत्री के विरोध में राजधानी पहुंचे कांग्रेसी-गरमायी राजनीति~
रायगढ़ 10 सितंबर 2023। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में सीटिंग एमएलए के विरोध के बाद अब मंत्री का विरोध भी शुरू हो गया है। शुक्रवार की रात जब राजधानी रायपुर में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक चल रही थी, तभी कोंडागांव से विधायक और मंत्री मोहन मरकाम के विराधे में स्थानीय कांग्रेसी कार्यकर्ता और पदाधिकारी रायपुर में डटे रहे। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद नाराज पार्टी के लोगों ने कुमारी सैलजा से श्किायत कर कोंडागांव से नये उम्मींदवार को टिकट देने की बात रखी।लेकिन कुमारी सैलजा ने सभी को समझाइश देकर वापस लौटा दिया।
शुक्रवार को ही राजधानी रायपुर में देर रात तक मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी में उम्मीदवारों के नाम को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी की अहम बैठक चल रही थी। इसी दौरान कोंडागांव से रायपुर पहुंचे कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता पूर्व पीसीसी चीफ मोहन मरकार के विरोध में प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा से मिलने का इंतजार करते दिखे।
कोंडागांव के जिला महामंत्री सुरेश पाटले ने मीडिया को बताया कि वे सभी स्थानीय विधायक मोहन मरकाम की जगह इस बार किसी दूसरे कार्यकर्ता को टिकट देने की मांग को लेकर आये है। पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं का कहना था कि मोहन मरकाम के व्यवहार की वजह से स्थानीय कांग्रेस नेता नहीं चाहते कि उन्हें इस बार टिकट मिले। उनके अलावा किसी भी कांग्रेस नेता को पार्टी टिकट देती है, तो उसकी जीत सुनिश्चित होगी। बताया जा रहा है कि आधी रात तक कोंडागांव के कांग्रेसी कुमारी शैलजा से मुलाकात करने डटे रहे। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने कोंडागांव के कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर बातचीत की और उन्हें समझाइश दिया गया।

गौरतलब है कि इससे पहले सरगुजा संभाग में कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंग के खिलाफ स्थानीय कांग्रेसियों ने टिकट देने को लेकर विरोध जताया था।
कांग्रेस विधायक के बाद अब मंत्री मोहन मरकाम को लेकर स्थानीय स्तर पर हो रहे विरेाध ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है।

ऐसे में एैन चुनाव से पहले पार्टी में उठ रहे असंतोष ने कई सवाल पैदा कर दिये है। मसलन कांग्रेस में स्थानीय स्तर पर प्रत्याशियों को लेकर व्याप्त असंतोष टिकट वितरण पर कितना असर डालेंगे ?
यहीं स्थिति रही तो इसका चुनाव परिणाम पर कितना असर होगा ?

फिलहाल चुनाव में अभी करीब दो महीने का वक्त है, ऐसे में कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर नाराज कार्यकर्ता और पदाधिकारी को साधने में कांग्रेस और उम्मीदवार जुट गये है। बावजूद इसके चुनावी साल में ना केवल कांग्रेस बल्कि बीजेपी में भी रूठने-मनाने का दौर जारी है। ऐसे में इसका चुनाव परिणाम पर किस हद तक असर पड़ेगा, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।