आखिर मीना बजार को लेकर गंदी राजनीति क्यों.?? मुहल्ले में किसी को परेशानी नहीं…क्या चुनचुन मार सकता है एंट्री…पढ़िए पूरी खबर

रायगढ़..हर साल की तरह इस साल भी कला और संस्कृति की नगरी रायगढ़ में कृष्ण जन्म उत्सव(जन्माष्टमी) मेले का आयोजन किया जाना है।,इस दौरान मीना बाजार मेले के आकर्षण का मुख्य केंद्र रहता है।

मीना बजार के माध्यम से जहां शहर आने वाले हजारों श्रद्धालुओं का मनोरंजन होता है वही शहर के कई बेरोजगारों को रोजगार का अवसर भी मिलता हैं। साथ ही जिस स्थान में मेला लगता है इस क्षेत्र में पूरे दिन चहल-पहल बने रहती है। जिससे आसपास के दुकान दारों की दुकानें भी अच्छी चलती है।

मीना बजार के सफल आयोजन को लेकर शहर के कई समाजिक और राजनीतिक हस्तियां पूरी तरह से सक्रिय रहती है। कुछ लोग तो बकायदा मीना बजार का हिस्सा भी बनते हैं,पहले लगने वाले मीना बाजार को दो लोग ही संचालित किया करते थें, जिनके नाम तमन्ना और कमाल थे। पर अब इन दो की नौ एंट्री के बाद मीना बजार का काम को लेकर चुनचुन को एंट्री मिलने की बात सामने आ रही है।

इनका नाम सामने आते ही मीना बाजार स्थल का विवाद शुरू हो गया। इस मसले में स्थानीय लोगों ने हमें बताया कि हमारा किसी प्रकार का कोई विरोध नही है,उल्टा यहां मीना बाजार आने से हमारे घरों में दूर दूर से मेहमान आते है,उनके साथ साथ हम भी मेले का आंनद लेते है।
साथ ही हमारे मुहल्ले के कई जरूरतमंद महिलाओं और युवाओं को रोजगार का अवसर भी मिलता है।हम लोग मीना बाजार में तरह-तरह का व्यापार भी कर लेते हैं। इस बात का हमें बड़ा दुख है, कि जो लोग इस बार मीना बाजार को लेकर राजनीति कर रहे हैं वो हर बार विरोध क्यों नही करते।

मीना बजार मेला उत्सव का समय लगभग आ चुका है। इस बार न तो कमाल ना ही तमन्ना मीना बजार लगा रहे हैं। बावजूद इसके मीना बजार को लेकर प्रशासन असमंजस की स्थिति में है क्योंकि कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा मीना बाजार स्थल का विरोध किया जा रहा है।
इसी मामले की वास्तविकता जानने के लिए हमारे रिपोर्टर स्थानीय लोगों से बात की तो लोगों ने चौकाने वाली बात बताई।
वहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि मीना बजार यहीं लगाया जाना चाहिए।

रायगढ़ में हर वर्ष जन्माष्टमी के समय मेले का आयोजन होता आ रहा है हर वर्ष जन्माष्टमी के समय यहां मीना बाजार लगता है जिसमें की रायगढ़ से ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्रों से भी भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ती है। पहले यह मीना बाजार शहर के बीच लगा करता था पर अब विगत कई सालों से यह मीना बाजार जूट मिल सावित्री नगर क्षेत्र में लगता रहा है।
इस वर्ष मीना बाजार का कई जनप्रतिनिधियों ने विरोध दर्ज करवाया है। जिसकी वास्तविकता जानने के लिए आज हमारी टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची और वहां के स्थानीय महिला एवं पुरुषों से बात की। तो उन्होंने बताया कि उन्हें मीना बाजार लगने से किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होती है बल्कि उन्हें कई प्रकार के रोजगार उपलब्ध हो जाते हैं। और विरोध करने वालों पर राजनीति करने का आरोप लगाया और यह भी कहा कि उनके व्यक्ति द्वारा मीना बाजार नहीं लगा कर अन्य व्यक्ति द्वारा लगाया जा रहा है। जिस कारण से विरोध किया जा रहा है। कुल मिलाकर कहा जाए तो स्थानीय लोगों को मीना बाजार लगने से इतनी आपत्ति नजर नहीं आई जितनी कि अन्य जनप्रतिनिधियों को।
वही मीना बाजार स्थल का विरोध करने वाले जनप्रतिनिधि से हमने चर्चा की तो उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टिकोण से वह स्थल बिल्कुल भी सही नहीं है। मेडिकल इमरजेंसी होने पर वहां कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। उनका विरोध मीना बाजार का विरोध नहीं है, बल्कि मीना बाजार के स्थल का विरोध हैं। वही जब हमारे संवाददाता ने उनसे कहा कि उनके ऊपर कई प्रकार के आरोप भी लग रहे है, तो उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से नकारा। और अपना विरोध जारी रखने की बात कही।
वही शहर में इस बात का भी चर्चा गर्म है कि जो जो जनप्रतिनिधि अभी विरोध कर रहे हैं वह पिछले साल मीना बाजार उसी स्थल पर लगाने में अहम भूमिका अदा की थी। जिसके कुछ फोटोग्राफ भी हमारे पास उपलब्ध हैं वह भी हम आपको दिखाना चाहेंगे। अब अचानक मीना बाजार के मालिक के बदलने पर स्थल का विरोध करना कहीं ना कहीं कई लोगों के गले से नीचे नहीं उतर रहा है। दबी जुबान में लोग कई प्रकार की बातें कर रहे हैं। अब मीना बाजार मामले का पूरा पटाक्षेप जिला प्रशासन के रुख पर निर्णय करता है। जिला प्रशासन भी सभी पहलुओं से बारीकी से जांच कर रही है जल्दी मीना बाजार पर कोई निर्णय आ सकता है।