CG:फर्जी डॉक्टरों की खैर नहीं”डॉक्टरों के डिग्री की होगी जांच…इस कदम के बाद कई निजी अस्पतालों और डॉक्टर्स में बेचैनी~एक्शन में विभाग…!

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फर्जी डॉक्टर के खुलासे के बाद…
रायगढ़।छत्तीसगढ़ में फर्जी डॉक्टर के कारनामों का खुलासा होने के बाद राज्य के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक दमोह और बिलासपुर में खुद को हार्ट स्पेशलिस्ट बताकर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले इस फर्जी डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद अब स्वास्थ्य विभाग पूरे एक्शन मोड में है। इसी कड़ी में बिलासपुर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) ने जिले के सभी निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टर्स के पंजीयन और शैक्षणिक दस्तावेजों का संपूर्ण विवरण मांगा है।

फर्जी डॉक्टर नरेंद्र जॉन उर्फ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने वर्षों तक फर्जी डिग्रियों के आधार पर कई नामी अस्पतालों में खुद को विशेषज्ञ बताकर इलाज किया। इस मामले ने स्वास्थ्य व्यवस्था की कमजोरी और अस्पतालों में डॉक्टर्स की वैधता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

CMHO डॉ. प्रमोद तिवारी ने मीडिया से चर्चा करने के दौरान कहां की,यह निर्देश इसलिए जारी किया गया है~ताकि नरेंद्र जॉन जैसे फर्जी डॉक्टर्स की पहचान की जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। दस्तावेजों की जांच और वेरिफिकेशन के बाद संबंधित अस्पतालों पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
इस कदम के बाद कई निजी अस्पतालों और डॉक्टर्स में बेचैनी और हड़कंप की स्थिति है, खासतौर पर उन संस्थानों में जहां डॉक्टर्स के दस्तावेज या पंजीयन अधूरे या संदिग्ध हैं। वहीं दूसरी ओर, IMA (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) और वर्षों से सेवा दे रहे अनुभवी डॉक्टर्स ने विभाग की इस पहल को सराहा है।

IMA के पदाधिकारियों का कहना है कि यह कदम फर्जी डॉक्टर्स और झोलाछापों के खिलाफ एक बड़ा हथियार साबित होगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि शासन स्तर पर एक स्थायी वेरिफिकेशन मैकेनिज्म बने, जिससे हर निजी डॉक्टर और स्वास्थ्य संस्थान की प्रमाणिकता समय-समय पर जांची की जा सके।
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