खदान में गिरी कार…टिमरलगा सरपंच समेत पति और सास-ससुर की हुई मौत….कार में थे 5 सवार,बच्ची शीशा तोड़कर निकली बाहर….किसी के दबाव में आकर तो नहीं कर लिए आत्म हत्या या फिर हुआ हादसा…क्या कहां न्यूज़ मिर्ची-24 से एडिशनल एसपी…जानिए हकीकत…और छत्तीसगढ़ के सीएम ने इस हादसे को लेकर क्या कहा पढ़िए…खबर
अफवाहों में लगी ब्रेक……

रायगढ़।सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत टिमरलगा में एक बहुत बड़ा हादसा हो गया ।जिससे टिमरलगा गांव और क्षेत्र के आसपास के ग्राम वासी दहशत में हैं।सभी के समझ से परे है कि यह हादसा हुआ तो हुआ कैसे ? टिमरलगा के सरपंच मीनू महेंद्र पटेल और उसके पूरे परिवार श्री श्याम मंदिर दर्शन करने के लिए भठली गए थे ,वहां से आते-आते रात हो गई और रात के अंधेरे में गाड़ी को दिवस करने के दौरान खदान में गाड़ी जा गिरी और समा गई। हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई,वही एक बच्ची बाल-बाल बची। वह भी पानी में कार के साथ डूब चुकी थी,लेकिन इसकी किस्मत अच्छी रही जो कार का शीशा तोड़कर बाहर निकल कर आ गई,वही उस बच्ची के बताए अनुसार हालांकि-सरपंच पति तो नहीं रहे ,लेकिन अपनी बेटी को बचाने के लिए वह दरवाजा खोलें और शीशा तोड़े उसी में से निकल कर बच्ची ने अपनी जान बचाई।

इस घटना ने लोगों के होश उड़ा दियें है।घटना की खबर लगते ही मंडी अध्यक्ष मोहन पटेल और डीडीसी तुलसी बसंत रात को ही इनको बचाने में डटे रहे ,लेकिन ये साल के आखिरी दिनों में यह टिमरलगा गांव के लिए काली रात हो गई और सुबह होते-होते हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गयी,वहां पर खड़े होने के लिए जगह कम पड़ जा रही थी,इतने लोकप्रिय थी टिमरलगा की सरपंच मीनू महेंद्र पटेल,वहीं ग्रामीणों के बीच चर्चा भी बना हुआ है कि-सरपंच कहीं किसी दबाव में आकर आत्महत्या तो नहीं कर लिया।क्योंकि वहां मौके पर देखा जाए तो रोड से लगभग 20 मीटर की दूरी के अंदर में हादसा हुआ है। अगर कहीं रोड एक्सीडेंट होता तो, रोड किनारे का हादसा दिखता।

लेकिन अंदर में जाकर ऐसा होना कई सवालों को जन्म दे रहा है।वही सभी पहलुओं की जांच पुलिस विभाग द्वारा किया जा रहा है।जैसे ही घटना की जानकारी चली तो तत्काल , सारंगढ़-बिलाईगढ़ एसपी कुकरेजा ,एडिशनल एसपी महेश्वर नाग और कोतवाली टीआई चौधरी तुरंत बिना समय गंवाए घटनास्थल रात को ही पहुंचे…और जांच पड़ताल शुरू के साथ-साथ गांव वालों की मदद से गाड़ी की खोजबीन की,सुबह होते- ही गोताखोरों व पुलिस की मदद से गाड़ी में बैठे टिमरलगा सरपंच मीनू पटेल , महेंद्र पटेल और उनके मम्मी पापा को बाहर 15 फिट गड्डे से हाईड्रा से बाहर निकाला गया।हालांकि गाड़ी के खदान में गिरते ही महेंद्र पटेल की बेटी बाहर आ गयी और उन्होंने पूरी घटना की जानकारी पहले तो खदान से लगे पेट्रोल पंप में जाकर हादसे की जानकारी बताई..!

खिड़की तोड़कर बाहर आयी बच्ची
हादसा इतना भयानक था कि – देखने वालों की रूह कांप गई और उस बच्ची की बहादुरी देखी जाए तो वह गाड़ी का शीशा तोड़कर मौत के मुंह से बाहर आई,पहले अपने दादा को बचाने की कोशिश भी कि ज्यादा पानी की गहराई और वजन के चलते वही नहीं बचा सकी..!
किसी के दबाव में आकर तो नहीं कर लिए आत्म हत्या या फिर हुआ हादसा

वहीं ग्रामीणों के बीच अफवाहें बनी हुई है कि-कहीं किसी की दबाव में आकर अपने परिवार समेत आत्महत्या करने के लिए नहीं चला गया सरपंच पति महेंद्र पटेल। क्योंकि वहां ग्रामीण बता रहे हैं कि – दो चार लोग उनको दबाव बनाए हुए थे।उन्हीं के कारण कहीं पूरे परिवार को तो नहीं ले डूबा महेंद्र ? आगे पुलिस तो हर पहलुओं पर नजर बनायी हुई है , जांच भी किया जा रहा है । आखिर इतना बड़ा कदम क्यों उठाना पड़ा महेंद्र को । कहीं 4 कर्ज देने वाले माफियाओं ने तो नहीं ले डूबा सरपंच के परिवार को ? यह सब जांच का विषय भी बना हुआहै,वहीं गांव के ग्रामीणों के बीच तरह -तरह की चर्चाएं हो रही है।कोई यह कह रहा है कि-किसी के दबाव में आकर आत्महत्या कर लिए या फिर कोई कह रहा है कि – हादसे में सरपंच समेत पूरे परिवार की मौत हो गई,ग्रामीणों के बीच कई तरह की बातें होती रही है। आगे पुलिस जांच करेगी जांच में जो भी तथ्य सामने आएगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा…!

टिमरलगा क्षेत्र की लोकप्रिय सरपंच थी..मीनू महेंद्र पटेल
वही सारंगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत टिमरलगा के काफी लोकप्रिय सरपंचों में मानी जाती थी मीनू महेंद्र पटेल।गांव के लिए विकास की गंगा बहा रही थी,लेकिन ऐसा वक्त आया कि-साल के जाते-जाते खुद उनकी कार के साथ ,खदान में समा गई,वही जब लोगों को इस बात की जानकारी हुई कि- सरपंच की गाड़ी खदान में गिर गई है तो लोगों को विश्वास ही नहीं हुआ। कईयों ने तो झूठी खबर है ,ऐसा कहकर नकार दिए थे,लेकिन जैसे ही इस बात की हकीकत सबके सामने आई तो सभी के होश उड़ गए,क्योंकि वे टिमरलगा के लिए एक मसीहा से कम नहीं थी,पर भगवान को तो कुछ और ही मंजूर था..!

घटना की खबर सुनते ही पहुँचे अधिकारी
यह हादसा रात्रि करीब 11 से 12 बजे के बीच हुआ।जैसे ही इसकी सूचना सारंगढ़ कोतवाली को लगी उसके बाद कोतवाल ने तुरंत अपने उच्चाधिकारी एसपी और एडिशनल एसपी को ख़बर दी ,तब रात को ही अधिकारी अपनी टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंच गए और घटना की बारीकी से जांच किया गया।वहीं रात अंधेरा होने से गाड़ी को बाहर निकालने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।तभी सुबह होते ही गोताखोरों और हाईड्रा क्रेन की मदद से गाड़ी को बाहर निकाला गया।वही गाड़ी बाहर निकलते ही सरपंच मीनू पटेल,महेंद्र पटेल और उनकी सास ससुर की गाड़ी में फंसकर पानी में डूबने से मौके पर ही मौत हो चुकी थी।
इस हादसे की हकीकत जानने के लिए न्यूज़ मिर्ची-24 ने

जब सारंगढ़ जिले के एडिशनल एसपी महेश्वर नाग से फोन पर बात कि तो उनके द्वारा कहा गया कि जो हमारे पास चश्मदीद गवाह है,वह उनकी बेटी,है उसने कथन दिया है कि पापा सीट बेल्ट पहने हुए थे,मैं सामने बैठी थी,और मम्मी सीट बेल्ट नहीं लगाई थी,दादा सीट बेल्ट नहीं लगाएं थे,दादी सीट बेल्ट लगाई थी,फिर मैं गाड़ी से बाहर निकली…!

तो मैं सबसे पहलें अपने दादा जी को बचा रही थी क्योंकि वह तैरने के अलावा गाडी से बाहर निकल गये थे,पर भारी वजन के चलते में अपने दादा जी को नहीं बचा सकी, फिर मैं जैसे तैसे करके खदान के पानी से बाहर आई और सामने पेट्रोल पंप गई वहां के कर्मचारियों को जानकारी दी,मेरे साथ वह सभी आकर देखे तो पानी में गाड़ी की लाईट जल रही थी,सारंगढ़ पुलिस का मानना है कि यह सिर्फ हादसा है,जो मृतक की बेटी ने कथन दिया है,उसके मुताबिक गाड़ी बाहर निकाली गई तो गाड़ी बैंक गेयर में लगी हुई थी,इसके अलावा बच्ची ने पुलिस को जो बयान दिया है, उसके मुताबिक आत्महात्या नहीं सिर्फ हादसा है…!
