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शराब के नशे में शासकीय शिक्षक ने तोड़ी थी आचार संहिता,कार्रवाई नहीं कर सके अफसर~डीईओ बोले हम नहीं डीपीआई करे कार्रवाई>> 

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सरपंच प्रत्याशी ने की थी भयादोहन करने की शिकायत…
रायगढ़।शराब के नशे में धुत होकर चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले शासकीय शिक्षक पर जिले के अफसर कार्रवाई नहीं कर सके।सरपंच प्रत्याशी की लिखित शिकायत और भयादोहन कर उनके खिलाफ प्रचार करने के इस मामले में एडीएम से लेकर डीईओ ने भी लीपापोती कर केस डीपीआई को भेज दिया है।

किसी शासकीय सेवक द्वारा शराब के नशे में चुनावी कार्य करने या किसी राजनैतिक दल के पक्ष या विपक्ष में प्रचार प्रसार करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है। आमतौर पर ऐसे मामले में अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए रिटर्निंग अफसर सीधे निलंबन की कार्रवाई करते हैं लेकिन जिले में एक शासकीय शिक्षक पर गंभीर आरोप लगने और खुद सरपंच प्रत्याशी द्वारा भी लिखित शिकायत किए जाने के बाद कार्रवाई नहीं हुई।

मामला तिलगा भगोरा में पदस्थ शासकीय शिक्षक विनेश भगत से जुड़ा है। टीचर एसोसिएशन के प्रांतीय पदाधिकारी विनेश भगत पर भगोरा की महिला प्रत्याशी ने आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत की थी। भगोरा में सरपंच की उम्मीदवार निलेश्वरी राठिया ने शिकायती आवेदन में बताया था।

कि विनेश भगत शराब के नशे में उनके घर पहुंचा था और निलेश्वरी को चुनाव नहीं लडऩे के लिए दबाव बनाया। वे नहीं मानी तो उनका व घर वालों का भयादोहन किया गया। निलेश्वरी राठिया ने बताया कि उनके प्रतिद्वंदी उम्मीदवार के पक्ष में विनेश भगत ने जमकर प्रचार किया और उनके खिलाफ गांव में मतदाताओं को प्रलोभन देकर तैयार किया। निलेश्वरी ने यह आवेदन चुनाव के दौरान ही रिटर्निंग अफसर को दिया था लेकिन शासकीय शिक्षक पर कोई कार्रवाई करने की जगह एडीएम रवि राही ने भी इसे डीईओ को बायपास कर मामले में लीपापोती कर दी।

डीईओ बोले हम नहीं डीपीआई करे कार्रवाई

आचार संहिता उल्लंघन और प्रत्याशी के भयादोहन की इस गंभीर शिकायत पर शिक्षक विनेश भगत पर कार्रवाई करने की जगह आरओ ने पूरा मामला दबा दिया। यही कारण है कि प्रत्याशी की शिकायत मिलने पर कुछ नहीं किया गया और उसके 15 दिनों बाद एक पत्र डीईओ को जारी कर नियमानुसार कार्यवाही करने का निर्देश दे दिया। इधर डीईओ ने भी शिक्षक नेता पर कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं दिखाई और डीपीआई को आवश्यक कार्यवाही करने का एक सरकारी पत्र जारी कर इति श्री कर ली।

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