रथ मेले की शुरुआत” खुड़खुडिया वालो की सीजन”गुलजार घरघोड़ा,तमनार, पूंजीपथरा”के मेले”पहले खुड़खुडिया गेम… फिर 52 परियों के साथ रंगरलिया मनाते हुए नजर आते हैं…देखिए वीडियो
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खुड़खुड़िया जुए से गुलजार घरघोड़ा,तमनार, और पुंजिपथरा,छाल के मेले…..
रथ मेलों में लग रहा लाखो का दांव,लुट रही जमापूँजी
किसके संरक्षण में खुलेआम सज रही जुए की महफ़िल ?
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रायगढ़।घरघोड़ा, तमनार, पूंजीपथरा के आस पास के लगभग सभी ग्रामों में रथोत्सव आते ही खुड़खुड़िया जुए के महफ़िल सजनी शुरू हो गयी है।खुड़खुड़िया एक ऐसा जुआ है, जिसमे लाखों के दांव एक रात एक मेले में लगते हैं,ऐसे में अन्दाजा लगाया जा सकता है, कि महीने भर घरघोड़ा क्षेत्र के आस पास हर दिन लगने वाले मेलों में कितने लाखों का वारा न्यारा किया जाता होगा,हर साल रथ मेले में खुड़खुड़िया जुआ का आयोजन अब इतनी आम बात हो चली है।
कि पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे मेलो में बकायदा अलग से खुड़खुड़िया जुए का बाजार बैठा दिया जाता है.जहां शाम से देर रात तक खुलेआम जुआ चलाकर पुलिस प्रशासन को ठेंगा दिखाया जाता है।
खुड़खुड़िया वालो से वसूली जा रही प्रोटेक्शन मनी ,कौन कौन हिस्सेदार….
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हर मेले से पहले ही खुड़खुड़िया वाले सेटिंग जमा लेते है।बिना परेशानी के खुड़खुड़िया जुआ खिलाने की छूट के बदले मोटी प्रोटेक्शन मनी वसूली जाती है,जाहिर सी बात है,जब दांव लाखों के हो तो प्रोटेक्शन मनी के नाम पर वसूली जाने वाली रकम भी मोटी ही होती है,जिसमे समिति से लेकर प्रशासन के लोंगो तक सबका हिस्सा होता है,इस तरह प्रोटेक्शन मनी के नाव में बैठकर खुड़खुड़िया जुआ महीने भर फलता फूलता और गरीबो की जमा पूंजी लूटता रहता है…!
पुलिस प्रशासन का नहीं दिखता खुड़खुड़िया वालों में भय….
खुड़खुड़िया खिलाने वालो में पुलिस प्रशासन का तनिक भी भय नजर नही आता ये बड़े अचरज की बात है कि खुलेआम पट्टी बिछा कर,टोकरी में गोटियाँ उलट पलट कर जुआ खिलाने वाले इतने बेखौफ कैसे हो सकते हैं ?जाहिर सी बात है कि पुलिस प्रशासन के साथ अंदरूनी सेटिंग के बाद ही उनकी नाक के नीचे ऐसे जुए की महफ़िल बिना डर भय के सजती है।
घरघोड़ा के हमारे सूत्र बताते हैं कि खुड़खुड़िया जुए की प्लानिंग में पुलिस प्रशासन के कुछ लोग भी शामिल होते हैं-जो पुलिस प्रशासन और जुआरियों के बीच लाइजनर का कार्य कर इस जुए की महीने भर की रस्म को निर्विघ्न सम्पन्न कराने में अहम भूमिका निभाते है….
खुड़खुड़िया जुआ का मनोवैज्ञानिक पक्ष
खुड़खुड़िया जुए में लाखों हारने के बाद भी लोग क्यों इस जुए को खेलने बेकरार दिखते हैं,इस पर जब हमने स्थानीय लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि खुड़खुड़िया का कांसेप्ट ही ऐसा है ,कि देखकर हर आदमी को लगता है,कि वो इसमे जीत सकता है,इस जुए को बनाया ही ऐसा गया है।
कि खिलाड़ी कभी न जीत पाए,इक्का दुक्का खिलाड़ी ही इसमे जीतेंगे क्योंकि इस खेल को खेलना शुरू करते ही मानसिकता ऐसी बनती है कि इसमें बड़ी रकम जीती जा सकती है फिर रकम डबल करने के चक्कर में लोग अपना मूलधन भी गंवा बैठते है.!
यह हम नहीं कह रहे हैं~कुछ जुआरीयों का कहना है…
इस मामले में जब हमारे संवाददाता ने जुआ खेलने जा रहे…जुआरीयों से व्हाट्सएप कॉलिंग के माध्यम से बात की तो उन्होंने साफ कहां कि जो खुड़खुडिया जुआ संचालित कर रहे है,उनका कहना है-कि हमारी ऊपर तक सेटिंग है-तभी हम खुलेआम जुआ चल रहे हैं.?
सूत्र ने कहा कि जुआ संचालित के द्वारा थोडी देर तक खुड़खुडिया गेम चलते है..फिर बाद में 52 परियों के साथ रंगरलिया मनाते हुए नजर आते हैं…!