Blog

CG:भारतमाला परियोजना में करोड़ों के भ्रष्टाचार मामले में एक्शन~SDM को राज्य सरकार ने किया सस्पेंड….देखिए आदेश

रायगढ़ शहर व जिले की छोटी बड़ी खबरों के लिए संपर्क करें~98279-50350

रायगढ़।मुआवजा राशि बांटने में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार पर राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। राज्य सरकार ने राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी निर्भय कुमार साहू को सस्पेंड किया है। निर्भय कुमार साहू अभी जगदलपुर में नगर निगम आयुक्त के पद पर पदस्थ थे। अभनपुर भारतमाला परियोजना के मुआवजा वितरण मामले में गड़बड़ी को लेकर ये कार्रवाई की गयी है।

26 मार्च दिन बुधवार….

दरअसल अभनपुर भारतमाला परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण पक्रिया और भू-अर्जन की मुआवजा राशि के वितरण के वक्त वो एसडीएम राजस्व थे। आरोप है कि तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी (रा.) एवं सक्षम प्राधिकारी भू-अर्जन निर्भय कुमार साहू ने रायपुर विशाखापट्नम प्रस्तावित इकॉनामिक कॉरिडोर का सड़क निर्माण के अनुविभाग अभनपुर अंतर्गत भारतमाला परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में भू-अर्जन के रूप में वास्तविक मुआवजा से अधिक मुआवजा राशि का भुगतान किया।

इससे निजी भूस्वामियों को करोड़ों का लाभ हुआ। भू-अर्जन प्रकरण में कई अनियमिततायें जिला स्तरीय जांच समिति द्वारा जांच में सामने आयी थी। जिसमें निर्भय कुमार साहू (रा.प्र.से.) को इसके लिए जिम्मेदार माना गया। अधिकारी ने भू-अर्जन की प्रक्रिया में की गई कार्यवाही में अपने अधीनस्थ शासकीय सेवकों के कार्यों का समुचित पर्यवेक्षण नहीं कराया और बड़े पैमाने पर अनियमितता एवं लापरवाही बरती।

इस आरोप में निर्भय कुमार साहू को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 3(1) (एक) (दो) एवं 3 (2) (एक) का दोषी पाते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 9 (1) (क) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

क्या है पूरा मामला…..
भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे अभनपुर इकोनॉमी कारिडोर में नायकबांधा और उस्ला गांव में 42 प्लाटों को 242 छोटे टुकड़ों में बदल दिया ताकि नेशनल हाईवे से ज्यादा मुआवजा लिया जा सके। कायदे से 42 प्लाटों के लिए 35 करोड़ मुआवजा बनता था। लेकिन, SDM ने बड़े लोगों से मिलकर प्रतिबंध के बावजूद उसे 142 टुकड़ों में बांट 248 करोड़ मुआवज दे दिया।

इसके बाद 78 करोड़ का और क्लेम कर दिया। 248 करोड़ रुपए देने के बाद 78 करोड़ के और क्लेम के बाद नेशनल हाईवे अथारिटी के अफसरों के कान खड़े हुए। अफसरों ने इसकी जानकारी शीर्ष अफसरों को भेजी। इस पर NHI के चीफ विजिलेंस आफिसर ने रायपुर कलेक्टर से इसकी जांच कराने कहा। कई साल से इसकी जांच पेंडिंग रही। दिल्ली के प्रेशर के बाद इसकी जांच रिपोर्ट अब राजस्व सिकरेट्री को भेज दी गई है। इसमें कलेक्टर की भी जांच हुई थी, जिसमें ये माना गया है कि 35 करोड़ के आसपास मूल मुआवजा बनता है। याने 213 करोड़ ज्यादा मुआवजा बांट दिया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!