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ED:अवैध रूप से” रह रहे एक चीनी नागरिक और उसके सहयोगी के खिलाफ…इतने करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क

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Aaa.. news agency

नयी दिल्ली,13 नवंबर।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बताया कि उसने भारत में “अवैध रूप से” रह रहे एक चीनी नागरिक और उसके सहयोगी के खिलाफ धन शोधन जांच के तहत चार करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।ईडी ने कहा कि चीनी नागरिक का सहयोगी कथित तौर पर जुआ, वेश्यावृत्ति और चीन के लोगों के लिए गुप्त क्लब बनाने जैसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल था।

Aaa न्यूज़ एजेंसी ने बताया कि यह जांच जू फेई नामक चीनी व्यक्ति से संबंधित है, जिसके खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने सबसे पहले नोएडा में मामला दर्ज किया था।जांच एजेंसी के मुताबिक, कुर्क की गई संपत्ति 3.12 करोड़ रुपये की बैंक और सावधि जमा राशि के अलावा पंजाब के मोहाली में एसएएस नगर स्थित 60 लाख रुपये की एक अचल संपत्ति (आवासीय फ्लैट) के रूप में है, जो जू के करीबी सहयोगी रवि नटवरलाल ठक्कर के “लाभकारी स्वामित्व” में है।

संपत्ति को कुर्क करने के लिए ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया था।

जून में इस मामले में ईडी ने 13.51 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।

ईडी ने कहा कि चीनी नागरिक भारत में “अवैध रूप से” रह रहा था और वह ठक्कर व अन्य लोगों के साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में लकिन क्लब प्राइवेट लिमिटेड और तियानशांग रेनजियन प्राइवेट लिमिटेड नामक दो होटल व क्लब का संचालन कर रहा था।

जून में इस मामले में ईडी ने 13.51 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।
ईडी ने कहा कि चीनी नागरिक भारत में “अवैध रूप से” रह रहा था और वह ठक्कर व अन्य लोगों के साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में लकिन क्लब प्राइवेट लिमिटेड और तियानशांग रेनजियन प्राइवेट लिमिटेड नामक दो होटल व क्लब का संचालन कर रहा था।

जांच एजेंसी के मुताबिक, ये होटल और क्लब चीनी नागरिकों के लिए थे, जिनमें “विशेष रूप से” अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले चीनी शामिल हैं।

ईडी ने कहा, “जू फेई और उसके गिरोह के सदस्य इन होटल/क्लब में जुआ और वेश्यावृत्ति जैसी विभिन्न अवैध गतिविधियों का संचालन कर रहे थे।”
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने “फर्जी निदेशकों” के साथ कागज पर कई (फर्जी) कंपनियां खोलीं और इनके अधीन रुपी प्लस, लकी वॉलेट, फ्लैश पैसा, पैसा करो, हाय पैसा, राधा मनी जैसे विभिन्न तत्काल ऋण ऐप का संचालन कर रहे थे।

उसने कहा, “आरोपी भारी ब्याज दरें वसूल रहे थे और ईएमआई के भुगतान में देरी के मामले में वे ऋण लेने वाले व्यक्ति का व्यक्तिगत डेटा हासिल करते थे और वसूली की आड़ में उन्हें ब्लैकमेल करते थे और धमकी देते थे।”

ईडी के अनुसार, आरोपी और उनके सहयोगी पीसीबी (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड), मोबाइल चिप और मदरबोर्ड जैसे ई-कचरे के अवैध व्यापार में भी शामिल थे।

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