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चाय बेचने वाला शख्स आज शहर में करोड़ों का आसामी बन बैठा~सही जांच हुई तो कालोनियां अवैध घोषित होगी,बिल्डरों पर दर्ज हो सकेगा एफआईआर…अंत में तीन सवाल

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डायवर्सन,खरीदी बिक्री व टुकड़ों में रजिस्ट्री के लिए कलेक्टर की अनुमति अनिवार्य

जो भू माफिया द्वारा कांग्रेस में अवैध कॉलोनी को काटकर वैध करके खेल खेला जा रहा था अब भाजपा में भी… वही खेला कर रहा….है!

एक ही भू माफिया का आखिर कब तक रहेगा दबदबा….

प्रशासन को गुमराह करना और वस्तुस्थिति को छुपाकर बेजा लाभ कमाने का आपराधिक प्रयास

जमीन अधिग्रहण में भू माफियाओं और बिचौलियों द्वारा मुनफा कमाने और सरकार को चूना लगाने के बाद अब शासन ने राजस्व अफसरों के पर कतर दिए हैं।सचिव के आदेश के बाद अब भू अर्जन की प्रक्रिया शुरू होते ही किसी भी प्रोजेक्ट में जमीन की खरीदी विक्री, डायवर्सन और खाता विभाजन भी कलेक्टर की अनुमति के बगैर नहीं हो सकेगा!!

रायगढ़ के टीवी टावर क्षेत्र में  बीते कुछ सालों में हुए जमीनों के मामलों में कई हत्याएं हुई है, जिसके बाद भी…भूमाफियाओं द्वारा सरकारी जमीन आदिवासी जमीन कोटवार भूमि आवंटन भूमि छोटे झाड़ जंगल तथा ग्रीन बेल्ट और बहते नालों को अपनी गिद्ध नजर रखकर कब्जा कर लिया है।।

सूत्रों द्वारा बताया गया कि एक चाय वाला जो कांग्रेस सरकार में अपने आकाओं को सामने करके अधिकारियो को जेब में रखने वाला भू माफिया बेधड़क से लगभग 8 अवैध कॉलोनी को वैध का खेल खेला ,वहीं अब सुशासन की साय सरकार में लंबा खेला कर रहा है।।सूत्रों ने आगे बताया कि रेरा के नियम को दर किनारे करते हुए अपने नियम से कॉलोनी पास करवाता है।

इसके अलावा जमीन ईडब्ल्यूएस कॉलोनी के अंदर छोड़ने का प्रदान है,पर यह भूमाफिया रेरा के आदेश को भी कूड़ेदान में फेंक कर अपना आदेश से सरकार को चुनौती देते आ रहा है,ना तो अब तक कोई बड़ी कार्रवाई हुई है… जिनके चलते उसके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।।।

शहर व जिले के मास्टर माइंड भू माफियाओं ने जमीन व संपत्ति का मुआवजा पाने के लिए ऐसे पैतरे आजमाएं कि उनसे चाय बेचने वाला शख्स भी आज शहर में करोड़ों का आसामी बन बैठा है।सरकारी जमीन पर कब्जा करके, ग्रामीणों से औने पौने रेट में जमीन खरीदकर उसकी टुकड़ों में रजिस्ट्री कराने, नियम विरूद्ध डायवर्सन करके सरकारी अधिकारियों की फर्जी साइन करके अवैध प्लाटिंग करके भूमाफिया ने ऐसा खेल खेला है की पक्का आवासीय व व्यवसायिक परिसर बताकर अवैध मुआवजा पाने वाले सैकड़ों केस जिले में हैं। जिसमें भू माफियाओं ने सरकार के साथ संबंधित कंपनियों को भी तगड़ा चूना लगाया है।

जिसके बाद अब जाकर राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग ने संज्ञान लिया है। विभाग के सचिव के आदेश पर कलेक्टर ने सभी राजस्व अफसरों को आदेश जारी किया है….

जिसके अनुसार भू अर्जन की प्रक्रिया हेतु अपेक्षक निकाय से प्राप्त प्रस्ताव या अर्जन की प्रक्रिया में जारी किसी अधिसूचना या खनन के लिए जारी किसी आशय पत्र के अधीन भूमि का व्यपवर्तन नहीं किया जावे। उक्त भूमि का खाता विभाजन और अंतरण कलेक्टर की लिखित अनुज्ञा के बिना नहीं किया जावे।यह निर्देश वर्तमान में प्रचलित सभी प्रकरणों पर लागू करने का जिक्र आदेश में है!!!!

तो क्या बजरमुड़ा और रेल लाइन से लिया सबक

जिले में बजरमुड़ा में भू अर्जन में जो गड़बड़ी हुई। उसमें सरकारी अफसरों से लेकर नेताओं व भू माफियाओं का ऐसा संगठित अपराध सामने आया। जिसमें सब ने मिल-जुलकर मलाई खाई और बेतरतीब मुआवजा प्रकरण बनाकर अवैध तरीके से सरकारी कंपनी को चूना लगाया गया। पूर्व कलेक्टर के कार्यकाल में हुए इस कांड में सीएसपीजीसीएल को करीब 4 सौ करोड़ का मुआवजा बांटना पड़ गया था। ऐसी ही गड़बड़ी भालूमुड़ा चितवाही रेल लाइन और तमनार घरघोड़ा के सभी भू अर्जन वाले प्रकरणों में भी सामने आई है।

सचिव ने भी माना बिचौलियों ने की काली कमाई

राजस्व आपदा प्रबंधन ने कलेक्टर को जो आदेश दिए हैं। उसके अनुसार भू- अर्जन के प्रकरणों के अधीन भूमि का बटांकन छोटे टुकड़ों में अंतरण एवं प्रयोजन में परिवर्तन के कारण भूमि अर्जन की लागत में अप्रत्याशित वृध्दि हुई है। इससे मूल भूमिस्वामियों को समूचित लाभ होने की बजाए भूमि की खरीद-बिक्री में संलिप्त बिचौलियों और भू-माफियाओं द्वारा ज्यादा लाभ अर्जित किया गया है। इसलिए भू-अर्जन प्रक्रिया में तत्काल कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।

अंत में तीन सवाल”सरकार को चूना लगाने वाला कौन…भू माफिया

किस भू माफिया द्वारा फर्जी सील लगभग हर विभाग की बनाकर फर्जी साईन करने में माहिर..

हर कॉलोनी में सामने का रोड आदिवासी और कोटवार भूमि…या सरकार कैसे मिली रेरा से अनुमतिभू माफिया कौन

जिस रास्ते पर बनी है~तीन वैद्य और दो अवैध कालोनियां उसकी चौड़ाई महज 10 फीट,,

नगर निवेश और निगम प्रशासन को 40 फीट का रास्ता बताकर कालोनियों की अनुमतियां ली गई,,किस भू फामिया द्वारा….

सही जांच हुई तो कालोनियां अवैध घोषित होगी,कुछ बिल्डरों पर दर्ज हो सकेगा एफआईआर…

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