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डालिए एक नजर….
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कैबिनेट में ये लिये गये फैसले, पढ़िये….
राज्य कैबिनेट की बैठक संपन्न हो गयी। आज की कैबिनेट में निकाय चुनाव से संबंधित बड़े फैसले लिये गये। राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि अब महापौर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। इसके लिए आज कैबिनेट में नगर निगम और पालिका संशोधन के प्रारूप में संशोधन किया गया। राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के फैसले को पलट दिया है। भूपेश सरकार ने 12 दिसंबर 2019 को अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव का निर्णय लिया था।राज्य कैबिनेट की बैठक संपन्न हो गयी। आज की कैबिनेट में निकाय चुनाव से संबंधित बड़े फैसले लिये गये। राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि अब महापौर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। इसके लिए आज कैबिनेट में नगर निगम और पालिका संशोधन के प्रारूप में संशोधन किया गया। राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के फैसले को पलट दिया है। भूपेश सरकार ने 12 दिसंबर 2019 को अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव का निर्णय लिया था।
वहीं नगर निकाय और पंचायतों में OBC के आरक्षण के लिए कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण का भी फैसला लिया गया। PDS के तहत चना वितरण के लिए ई ऑक्शन से चना दिया जायेगा। 5 रुपए किलो के दर से 02 किलो चना प्रति माह प्रदान किया जाता है। प्रति वर्ष 72 हजार टन चना का वितरण किया जाता है। पर्यटन को बढ़ावा देने पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने का फैसला लिया गया। पर्यटन के क्षेत्र में बढ़वा देने सरकार ने बड़ा निर्णय किया है।
कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के नगर पालिक निगमों के महापौर एवं नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन प्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का निर्णय लिया है। इसके लिए बैठक में छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 (संशोधन) अध्यादेश, 2024 एवं छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 (संशोधन) अध्यादेश 2024 (प्रत्यक्ष निर्वाचन एवं आरक्षण संबंधित प्रावधान) की विभिन्न धाराओं में संशोधन किए जाने के संबंध में अध्यादेश 2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
यहां यह उल्लेखनीय है कि अविभाजित मध्य प्रदेश राज्य में 1999 के पूर्व नगर पालिक निगमों में महापौर तथा नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन प्रत्यक्ष रीति से होता था। तत्कालीन सरकार द्वारा नगरीय निकायों के महापौर तथा नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन को अप्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का निर्णय लिया था, जिसकी अधिसूचना का प्रकाशन राजपत्र में 12 दिसम्बर 2019 को किया गया था।
छत्तीसगढ़ शासन के पिछड़ा वर्ग एवं अल्संख्यक विभाग द्वारा मंत्रालय द्वारा त्रिस्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के निर्वाचन में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व एवं आरक्षण के संबंध में स्थानीय निकायों में आरक्षण को एकमुश्त सीमा 25 प्रतिशत को शिथिल कर अन्य पिछड़ा वर्ग की संख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तक आरक्षण के प्रावधान की स्वीकृति पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के प्रतिवेदन में प्राप्त अनुशंसा के अनुसार दी गई है।
छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 के अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व एवं आरक्षण संबंधी प्रावधानों में संशोधन किए जाने हेतु विभिन्न धाराओं में संशोधन किए जाने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिपरिषद द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को वितरण हेतु नागरिक आपूर्ति निगम को आवश्यक चना उपार्जन, छमडस् ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किए जाने की अनुमति दी गई।
यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत राज्य के सभी अनुसूचित विकासखण्डों एवं मॉडा पैकेट क्षेत्र में निवासरत अंत्योदय तथा प्राथमिकता वाले राशन कार्डधारियों को प्रतिमाह 5 रूपए किलो की दर से 2 किलो चना प्रदाय किया जाता है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चना वितरण योजना के तहत 30 लाख 22 हजार परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है। राज्य को चना वितरण के लिए प्रति माह 6046 टन तथा प्रति वर्ष 72 हजार 52 टन चना की जरूरत होती है। चना का उपार्जन नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा किया जाता रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की चना वितरण योजना के माध्यम से हितग्राहियों को उच्च क्वालिटी का चना प्रदाय किया जा सके, इसके लिए मंत्रिपरिषद ने नागरिक आपूर्ति निगम को छमडस् ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किए जाने की अनुमति दी गई।