✍️इंसाफ की आस..झीरम हमले की 11वीं बरसी…शहीद नंदकुमार और दिनेश पटेल को~उमेश ने भीगी पलकों से शांति बगिया में किया नमन💐
रायगढ़।नक्सलियों के कायराना हमले से झीरम घाटी में शहीद हुए नंदकुमार पटेल और दिनेश पटेल की समाधि स्थल शांति बगिया में 11 वीं पुण्यतिथि पर विधायक उमेश पटेल ने परिजनों व साथियों के साथ अश्रुपूरित श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें नमन किया। 25 मई 2013 का वह मनहूस दिन, जब झीरम घाटी की झाड़ियों में घात लगाए हथियारबंद नक्सलियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए दहशतगर्दी का ऐसा खूनी खेल खेला कि इस घटना में तात्कालिक गृहमंत्री नंदकुमार पटेल और उनके बेटे दिनेश पटेल भी शहीद हो गए।
भले ही इस हृदय विदारक कांड को गुजरे 11 बरस हो गए हैं, पर अपनों की ताउम्र के लिए जुदाई और कातिलों के आजतलक पकड़े नहीं जाने से गमजदा परिवार अब भी इंसाफ की आस में जी रहे हैं। इसी क्रम में खरसिया के ग्राम नंदेली से लगे शांति बगिया के समाधि स्थल में नंदू भैया को याद करने वालों का सैलाब उमड़ा रहा। शहीद दिवस की सुबह शांति बगिया में रघुपति राघव राजाराम गीत से भावभीनी श्रद्धांजलि कार्यक्रम की शुरुआत क्षेत्र के बुजुर्गों ने करते हुए अपने नंदकुमार पटेल और दिनेश को याद किया। वहीं, विधायक उमेश पटेल सपरिवार शांति बगिया पहुंचे और अपने दिवंगत पिता नंदकुमार पटेल व अग्रज दिनेश पटेल की समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए सजल नयनों से उन्हें नमन कर उनके बताए आदर्शों पर चलने का संकल्प भी लिया। झीरम हमले की ग्यारहवीं बरसी पर आज शांति बगिया में हर वो चेहरा मायूस नजर आया जो अपने नंदू भैया के साथ साए की तरह रहते हुए उनके हर सुख-दुख को अपना मानकर निःस्वार्थ जनसेवा में सक्रिय रहते थे।