रायगढ़:- प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी दीपावली के दिन काली माई की अनोखी पूजा करेगा बंगाली समाज।
वस्तुतः यह पूजा दीपावली के दिन रात में की जाती है। जहां एक तरफ हिन्दू धर्म को मनाने वाले अधिकांश लोग मां लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं,तो वही बंगाली हिन्दू समाज अपने परिवार के लोगों के साथ महानिशा में मां काली की विशेष पूजा-अर्चना करता है।
शहर में यह पूजा चक्रधर नगर क्षेत्र के सुभाष नगर बोइरदादर बंगाली कॉलोनी में हर साल आययोजित की जाती है। इस साल भी यहां दीपावली के दिन माँ काली की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। आपको बता दें कि यहां काली माई की पूजा सन 1982 से होती आ रही है,काली मां की पूजा पूरे विधि विधान से 3 दिन तक चलती है,सबसे पहले बंगाली समुदाय की महिलाओं के द्वारा मां काली का साज-सिंगार किया जाता है। फिर बंगाली कॉलोनी के पास स्थित मंदिर के सदस्य आगे की तैयारी करते हैं। इस काम मे स्थानीय निवासी उनका भरपूर सहयोग करते हैं। इस तरह दीपावली की रात काली मां के जयकारा लगाने के साथ विशेष पूजा प्रारम्भ की जाती है। यहां एक सुर में गाजे-बाजे के साथ मां की आरती और पूजा अर्चना की जाती है। इस मौके पर सभी बंगाली महिलाएं गरबा भी खेलती हैं। बंगाली समाज के द्वारा इस खास उत्सव में मां काली की पूजा अर्चना कर समाज और देश की सुख शांति तथा खुशहाली की मांग की जाती है। बताया जा रहा है कि कोरोना महामारी के चलते यहां पूजा में शामिल होने वाले सभी श्रद्धालुओं के द्वारा में कोविड नियमों का पालन किया जाएगा। जहां मंदिर प्रांगण में काली माई का दर्शन करने से पहले श्रद्धालुओं को दोनों हाथों में सैनिटाइजर करवा कर मंदिर के अंदर आवश्यक दूरी में प्रवेश करवाकर दर्शन कराया जाएगा। यहां पूजा और दर्शन के दौरान मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करवाया जाएगा। इस बार काली माई का दर्शन करने वाले सभी भक्तों को पोस्टर बैनर लगवा कर कोरोना की महामारी से कैसे सुरक्षित रहें यह बताया जाएगा।इस विषय पर बंगाली कॉलोनी में दीपावली के दिन विधि-विधान से काली पूजा अर्चना करने के लिए शुक्रवार को समाज के लोगों ने आवश्यक मीटिंग आहूत की थी। इस मीटिंग में अध्यक्ष शंभू कर्मकार, उपाध्यक्ष तपन विश्वास,मीडिया प्रभारी सुदीप मंडल अलावा अन्य लोग भी शामिल हुए थे!
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