✍️सारंगढ़ संवादाता
रायगढ़।सरिया क्षेत्र के बोन्दा (जोतपुर) में गंगा मिनरल्स की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रहा है ।मजाल है कि माइनिंग विभाग इस क्रेशर पर कार्यवाही कर दे।ऐसा लग रहा है कि माइनिंग विभाग कार्यवाही करते करते थक गई है और सुस्त हो गई है ,इसीलिए तो गंगा मिनरल्स पर कार्यवाही नहीं कर रही है । या ऊंची पहुंच वाले क्रेशर मालिक होगा , तभी तो इस क्रेशर पर कार्यवाही करने के लिए माइनिंग विभाग की हाथ फूल रहे है।गंगा मिनरल्स धड़के के साथ अवैध पत्थर लेकर क्रेशर संचालित कर रहा है।खास बात तो यह है कि गंगा मिनरल्स के बगल में लगे अग्रेसन मिनरल्स एंड माइन्स सिर्फ और सिर्फ अवैध पत्थर लेकर मालामाल हो रहा है।अपने खदान को खोदने से बचकर शासन को लाखों करोड़ों का चूना लगा रहा है ,क्योंकि अवैध पत्थर लेकर पत्थर की क्रेसिंग तो कर रहा है और रॉयल्टी अपने क्रेशर के नाम से निकालकर दो नंबर की माल को एक नंबर में करने में लगा हुआ है । अपना आयकर बचाने के चक्कर में यह सब हो रहा है और शासन प्रशासन मौन धारण कर बैठा है ।सुत्रों की माने तो गंगा मिनरल्स जहां पर धर्म कांटा संचालित कर रहा है , वह किसी और का जमीन है।यह मामला कोर्ट में भी चल रहा है , लेकिन यह अपना धर्मकांटा धड़क्के के साथ चला रहा है और अवैध पत्थर लेकर मालामाल हो रहा है।गंगा मिनरल्स आयकर नहीं पटाने के चक्कर में यह सब कारनामा कर रहा है । दो नंबर में काम करो और अपनी जेब भरो में गंगा मिनरल्स लगा हुआ है।ना इस पर माइनिंग विभाग ध्यान दे रहा है और ना ही आयकर विभाग के अधिकारी।इनकी क्रेशर से जितनी भी कंपनी में माल डाला हुआ है , इसका अगर बायोडाटा निकाला जाए तो सब पता चल जाएगा कि गंगा मिनरल्स कितना झोलझाल कर रहा है । लेकिन मजाल है कि कोई माइनिंग विभाग या आयकर विभाग के अधिकारी इस क्रेशर पर कोई जांच कर दे।यूं तो कहता है कि हम एक नंबर पर काम करते हैं ,आयकर भरते हैं।अब इसमें कितनी सच्चाई है…यह तो आगे आयकर विभाग के अधिकारी जांच करेगा तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।गंगा मिनरल्स अपनी पहुंच के दम पर धड़क्के के साथ क्रेशर संचालित कर रहा है।इसमें माइनिंग विभाग अबतक कोई कार्यवाही नहीं किया है।।
💥💥गंगा मिनरल्स में लाखों टन भरा हुआ है डस्ट💥💥
क्षेत्र के गंगा मिनरल्स के क्रेशर पर जाकर माइनिंग विभाग कार्यवाही करें तो पता चल जाएगा कि इसके यहां कितना डस्ट भरा,हुआ है।यहाँ 10 एमएम को ही क्रेशरिंग करके सिक्स एमएम और डोलोमाइट को क्रेशरिंग करके 20 एमएम निकालकर बेच देते हैं।अगर वही डस्ट का हिसाब करें तो डस्ट कंपनियों में बहुत कम जा रहा है ।अगर माइनिंग विभाग सही से डस्ट की मात्रा को चेक कर लें तो इनकी पेनाल्टी पटाने में हालात खराब हो जाएगी और वही सरकार के खाते में लाखों नहीं करोड़ों रुपये आएंगे।अब आगे आयकर विभाग और माइनिंग विभाग क्या करते हैं यह तो देखने वाली बात होगी । क्या राजनीतिक पहुंच के दम पर गंगा मिनरल्स क्रेशर को ऐसे ही संचालित करता रहेगा या फिर माइनिंग विभाग इस पर कार्यवाही कर सही से जांच करेगी । हालांकि विशेष सूत्र बता रहे हैं कि माइनिंग विभाग के एरिया इंस्पेक्टर छुट्टी में होने के कारण इस क्षेत्र में अभी माइनिंग विभाग धावा नहीं बोल रहा है।लेकिन जल्द ही खनिज एरिया इंस्पेक्टर छुट्टी से आयेंगे और उसके बाद इन क्रेशरों में धावा बोल सकती है।राजनीतिक पहुंच के दम पर क्रेशर संचालित करने वाला गंगा मिनरल्स को उसका हुनर बचा लेता है या फिर माइनिंग विभाग इस पर कार्यवाही कर देता है ?अब तो आगे देखने वाली बात होगी।
अब सिर्फ संवेदनशील रायगढ़ कलेक्टर श्री सिंह के निर्देश पर माइनिंग विभाग क्या कार्रवाई करता है यह देखने की बात होगी…सबकी निगाहें टिकी है…या फिर कुछ पेनाल्टी लेकर इनको बक्श दे दिया जायेगा...।।