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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का आदेश….आगे पढ़े न्यूज़ मिर्ची-24

(Aaaएजेंसी) केंद्र सरकार (Central Government) ने कहा कि रेमडेसिविर (Remdesivir) दवा केवल मध्यम से गंभीर कोविड-19 रोगियों (Covid-19 Patients) को किसी तरह के लक्षण की शुरुआत के दस दिन के भीतर दी जानी चाहिए और ऐसे मरीजों को गुर्दे या यकृत संबंधी कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. सरकार ने ऐसे मरीजों को दवा नहीं देने को कहा है जो ऑक्सीजन पर नहीं हैं या घर में रहकर ही स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं.
वयस्क मरीजों में संक्रमण के प्रबंधन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी क्लीनिकल दिशानिर्देश के अनुसार रेमडेसिविर दवा केवल मध्यम से गंभीर कोविड-19 मरीजों को किसी तरह के लक्षण की शुरुआत के दस दिन के भीतर देने को कहा गया है, जिन्हें गुर्दे या यकृत संबंधी कोई समस्या नहीं हो. दिशानिर्देशों के अनुसार गंभीर रोग की स्थिति में टोसिलिजुमाब दवा के इस्तेमाल पर विचार किया जा सकता है, जिसमें गंभीर बीमारी शुरू होने और आईसीयू में भर्ती होने के 24 से 48 घंटे के भीतर प्राथमिकता दी जाए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये भी कहा कि 60 साल से अधिक उम्र के ऐसे लोगों जिन्हें हृदय संबंधी समस्याएं, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और अन्य ऐसी बीमारियां हैं, उन्हें गंभीर बीमारी का अधिक जोखिम है.दिशानिर्देशों के अनुसार कोरोनावायरस मरीजों को हल्के, मध्यम और गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों में वर्गीकृत किया गया है. इसमें कहा गया है कि हल्की बीमारी वालों के लिए होम आइसोलेशन में रहने और देखभाल की सिफारिश की गई है, वहीं मध्यम स्तर के संक्रमण से जूझ रहे लोगों को अस्पताल में वार्ड में भर्ती करने और गंभीर संक्रमण वालों को आईसीयू में भर्ती करने की सिफारिश की गई है. वहीं भारत में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर अगले साल तीन फरवरी तक चरम पर हो सकती है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में ये दावा किया. हालांकि ये पूर्वानुमान इस धारणा पर आधारित है कि भारत में कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट से प्रभावित अनेक देशों में मामलों में बढ़ोतरी की प्रवृत्ति देखने को मिलेगी. 21 दिसंबर को मेडआरएक्सआईवी पर डाले गए अध्ययन की अभी समीक्षा नहीं की गई है.

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