यहां की सबसे हॉट सीट वाले वार्ड के कांग्रेस प्रत्याशी की हार के मायने…..साम,दाम,दंड भेद की नीति से अध्यक्ष की सबसे प्रबल दावेदार को इस तरह हटाया की सांप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी…एक तरफ प्रियंका गांधी ने यूपी चुनाव के प्रचार में ये नारा दिया था,तो वहीं सारंगढ़ के कांग्रेस नेताओ ने लड़की उम्मीदवार को हरा दिया ….पढ़े पूरी खबर….देखें वीडियो
यहां की सबसे हॉट सीट वाले वार्ड के कांग्रेस प्रत्याशी की हार के मायने…..साम,दाम,दंड भेद की नीति से अध्यक्ष की सबसे प्रबल दावेदार को इस तरह हटाया की सांप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी….एक तरफ प्रियंका गांधी ने यूपी चुनाव के प्रचार में ये नारा दिया था,तो वहीं सारंगढ़ के कांग्रेस नेताओ ने लड़की उम्मीदवार को हरा दिया ….
💥प्रियंका गांधी का नारा लड़की हु लड़ सकती हूं लेकिन सारंगढ़ के कांग्रेस नेताओ ने लड़की उम्मीदवार को हरा दिया..💥
💥गजब की है सारंगढ़ की राजनीति…?💥
💥कांग्रेस के आंधी के बीच अध्यक्ष के प्रबल दावेदार की करारी पराजय?💥
💥जहा 11 सीट पर कब्जा जमाया वहा सबसे चर्चित सीट खुद हरवाया?💥
💥स्वयं मंत्री उमेश पटेल जुटे थे जिताने में….?💥
💥उसको कराया नेताओ ने करारी हार…?💥
💥सारंगढ़ नगर पालिका चुनाव में वार्ड क्र.1 की कांग्रेस उम्मीदवार सरिता मल्होत्रा ने लगाया भीतरघात का आरोप💥
रायगढ़।सारंगढ़ नगर पालिका की सबसे हॉट सीट माने जाने वाली वार्ड नम्बर एक अब तक सबकी जुबा पर है। कांग्रेस की ओर से पार्षद प्रत्याशी सरिता मल्होत्रा की हार को लेकर है। इस प्रत्याशी को हराने के लिए तमाम बड़े कांग्रेसी नेता एक हो गए महज कुछ गिनती के कांग्रेसी कमान संभाल रखे थे लेकिन जीत दिलाना उनके बस में भी नहीं था बेहद अंदर खाने के अनुसार और चल रही चर्चाओं की माने तो सरिता मल्होत्रा को हराने के लिए हर वो पेंच का इस्तेमाल किया गया जिसे साम, दाम दंड और भेद की नीति कहा जाता है।वह सारे प्रयोग खुल कर किया गया और कहा जाता है न कि बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रुपया स्व दिलीप सिंह जूदेव जी भी कह गए कि पैसा भगवान से बड़ा तो नहीं लेकिन कम भी नहीं और नीति यहां काम आई लोग अपने पार्टी के प्रत्याशी को जिताने के लिए धन पानी की तरह बहाते हैं लेकिन यहां अपने पार्टी प्रत्याशी को हराने के लिए यही धन पानी की तरह बहाया गया यह हम नहीं कह रहे यहां से जो बात छन कर आ रही उसे सिर्फ कलमबंद करने की कोशिश किया गया है।दअरसल सरिता मल्होत्रा एक ऐसी प्रत्याशी जो जीत के बाद सीधे तौर पर नगर पालिका की प्रथम महिला बनती यही कांग्रेसियों को बर्दाश्त नहीं था यही वजह है कि सरिता मल्होत्रा को हराने के लिए जीत का सेहरा पहनने वालों ने हराने के लिए सारे दांव पेंच खेले, इस कांग्रेसी खेमे में उसी वक्त से खलबली मच गई थी जब उनकी टिकट प्रदेश आलाकमान ने तय कर दिया था जबकि इस खेमे ने तो इनके दावेदारी को आगे तक नहीं बढ़ाया था जब आलाकमान का दबाव बना तब खामोशी से इसका जहर तो पी लिया लेकिन जितना हराना तो इनके पाले में ही था सो यहां पर सारा खेल कर ऐसा खेला गया कि जिससे सांप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी। और अध्यक्ष पद अपने हिसाब रबर स्टाम्प की तरह बनाने में कामयाब भले ही हो गए हों लेकिन यह वो भी जानते हैं कि ऐसा करने में उन्हें क्या-क्या नहीं करना पड़ा…खैर आने वाले समय में उसकी तीखी अनुगूंज जरूर गूंजने वाली है..! 👇👇आगे देखें वीडियो👇