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गेरवानी पंचायत उपचुनाव में चमेली सिदार सरपंच निर्वाचित..!

गेरवानी पंचायत उपचुनाव में चमेली सिदार सरपंच निर्वाचित

सरपंच चुनाव को लेकर ग्रामीणों में था गजब का उत्साह
रायगढ़-रायगढ़ विकासखंड अंतर्गत गेरवानी पंचायत में सरपंच पद के लिए हुए प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में भाजपा की कर्मठ कार्यकर्ता चमेली सिदार सरपंच निर्वाचित हुई।इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी नुसीला जाटवर को 175 मतों से पछाड़कर सरपंच पद में निर्वाचित हुई।पूर्व सरपंच के विरुद्ध पंचों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें सरपंच पद से हटाया था।उसके बाद स्थानापन्न सरपंच के रूप में मोहरमती सिदार को पंचों ने जवाबदारी दी।स्थानापन्न सरपंच को केवल तीन माह सरपंच बने रहने का अधिकार होता है उसके बाद प्रशासन को वहां चुनाव कराना आवश्यक हो जाता है।यहां हुए चुनाव में कुल पांच प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे थे।सरपंच के लिए हुए मतदान में कुल 1175 व्होट पड़े थे जिसमें विजयी प्रत्याशी चमेली सिदार को 420 व्होट,नुशिला जाटवर को 245 व्होट,रितु सुशील अग्रवाल को 194 व्होट,सपना भोजराम भट्ट को 155 व्होट एवं मोहरमती सिदार को 144 व्होट प्राप्त हुए।जनपद सदस्य के रूप में अपनी राजनैतिक सफर की शुरुवात करने वाली चमेली सिदार को लगातार दो पंचवर्षीय जनपद सदस्य रहकर जनता की सेवा करने का सौभाग्य मिला,साथ ही साथ भाजपा संगठन में भी ये काफी सक्रिय रहती है।संबलपुरी मंडल महिला मोर्चा की अध्यक्ष ,जिला भाजपा में मंत्री का दायित्व भी इन्होंने कुशलता पूर्वक निभाया है।राजनैतिक दायित्व के साथ ही साथ इन्हें गोंड़ समाज महिला विभाग के जिलाध्यक्ष के रूप में भी कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ है।वर्तमान में ये भाजपा अ. ज. जा.मोर्चा में जिला महामंत्री के रूप में संगठन का कार्य देख रही है।गेरवानी पंचायत में लगातार दो सरपंच अपना कार्यकाल पूरा नही कर पाए,पूर्व सरपंच ममता रोहित उरांव के विरुद्ध धारा 40 की कार्यवाही करके पद से हटाया गया वहीं इस बार की सरपंच को पंचों ने अविश्वाश प्रस्ताव लाकर हटा दिया।इन सबसे गेरवानी पंचायत में अस्थिरता की स्थिति निर्मित हो गई थी जिससे गांव का विकास लगभग रुक गया था। नई सरपंच चमेली सिदार के ऊपर में गेरवानी की जनता ने बहुत बड़ी जवाबदारी दी है,एक तो पंचायत में छाई राजनैतिक अस्थिरता को दूर करना है वहीं गेरवानी पंचायत को विकास की मुख्यधारा में वापस लेकर आना है।भले ही इनका कार्यकाल पांच वर्ष का नही होगा परन्तु इनकी राजनैतिक एवं सामाजिक चातुर्य का लाभ गेरवानी की जनता को जरूर मिलेगा।चमेली सिदार की पहचान जमीनी कार्यकर्ता के रूप में स्थापित है कई बड़े आंदोलनों में इन्हें प्रथम पंक्ति में बैठकर लोगों की आवाज बनते कइयों ने देखा है।औद्योगिक बाहुलता वाले पंचायत गेरवानी में ये हमेशा छेत्र एवं ग्रामीणों की आवाज बनते हुए आई है।इनको मिला जनमत इस बात की पुष्टि करता है कि जो सच्ची निष्ठा से जनता को जनार्दन मानकर कार्य करता है उन्हें जनता का आशीष जरूर मिलता है।चमेली सिदार की इस उपलब्धि के लिए रायगढ़ लोकसभा की लोकप्रिय सांसद गोमती साय एवं लैलूंगा विधानसभा की पूर्व विधायक सुनीति राठिया ने दूरभाष के माध्यम से अपनी बधाई प्रेषित की है।

चमेली सिदार के विजयी रथ के सारथी बने ये नेता
यूँ तो सरपंच का चुनाव व्यक्तिगत श्रेष्ठता एवं योग्यता पर आधारित होता है।जनता सरपंच के रूप में समर्थवान व्यक्तित्व पर ही अपना विश्वास दिखाता है परंतु ऐसे में यदि अपनो का साथ एवं मार्गदर्शन मिल जाए तो परिणाम हमेशा आपके हित में होता है।गेरवानी गांव हमेशा से राजनैतिक केंद्रबिंदु के रूप में जाना जाता रहा है अनुभवी लोगों का कहना है कि यहां की हवा पूरे अंचल की राजनैतिक फिजा को बयां करती है।यही कारण रहता है कि यहां हर चुनाव में प्रतिस्पर्धा अपने चरम में रहती है।इस चुनाव में भी सभी प्रत्याशियों ने विजय श्री को प्राप्त करने के लिए अपना शत प्रतिशत दिया वहीं चमेली सिदार ने अपने वरिष्ठ मार्गदर्शकों के आदेश एवं निर्णयों को शिरोधार्य किया।गेरवानी निवासी भाजपा के वरिष्ठ एवं स्पष्ठवादी नेता विजय डनसेना,युवा तुर्क एवं जुझारू नेता मुकेश अग्रवाल एवं भाजपा नेता रामश्याम डनसेना की तिगड़ी ने चमेली के पक्ष में सकारात्मक माहौल का निर्माण किया जिससे चमेली सिदार ने इस प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में जीत हासिल करी।

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