Blog

छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला”अब जमीन के मामले में-खरीदी-ब्रिकी के लिए~आगे पढ़िए अन्दर की न्यूज़

रायगढ़ शहर व जिले की छोटी-बड़ी खबरों के लिए संपर्क करें~98279-50350

ऋण पुस्तिकाआगे पढ़िए

रायगढ़।छत्तीसगढ़ सरकार ने भूमि से जुड़े लेनदेन को और आसान बनाते हुए ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब राज्य में जमीन की खरीदी-बिक्री के लिए ऋण पुस्तिका (किसान किताब) की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक महानिरीक्षक कार्यालय द्वारा प्रदेश के सभी जिला पंजीयकों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं।

जारी पत्र में कहा गया है कि अब पंजीयन अधिकारी जमीन के पंजीयन के समय ऋण पुस्तिका की मांग नहीं करेंगे। भूमि स्वामित्व, फसल विवरण और अन्य आवश्यक तथ्यों की जांच ऑनलाइन डेटा के माध्यम से की जाएगी।

सरकार ने यह कदम किसानों और जमीन मालिकों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उठाया है। पहले भूमि की खरीदी-बिक्री के दौरान ऋण पुस्तिका आवश्यक होती थी, जिसके अभाव में किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। कई बार नई ऋण पुस्तिकाएं समय पर जारी नहीं होने से लेनदेन में देरी होती थी और शासन की छवि पर भी असर पड़ता था।

वर्तमान में छत्तीसगढ़ में राजस्व अभिलेख, गिरदावरी, खसरा और बी-1 की प्रतियां ‘भुईयां’ पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन उपलब्ध हैं। वर्ष 2017 से दस्तावेजों का ऑनलाइन पंजीयन शुरू हो चुका है और राजस्व विभाग के सॉफ्टवेयर में ऑटो म्यूटेशन की सुविधा भी लागू है। इसके तहत भूमि पंजीयन के साथ ही खसरे का स्वतः बटांकन होकर नई बी-1 प्रति तैयार हो जाती है।

अब जमीन की खरीदी-बिक्री की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल माध्यम से पूरी होगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और किसानों को अनावश्यक कागजी झंझटों से राहत मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!