IG रतनलाल डांगी प्रकरण में मुख्यमंत्री आखिर ऐसा क्यों बोले“चाहे कोई भी… आगे पढ़िए न्यूज़ मिर्ची
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रायगढ़।छत्तीसगढ़ पुलिस के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रतनलाल डांगी पर लगे यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों ने राज्य की ब्यूरोक्रेसी में हलचल मचा दी है। मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि “चाहे कोई भी अधिकारी हो, अगर आरोप लगे हैं तो जांच होगी और अगर जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो निश्चित ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।” मुख्यमंत्री ने यह बात मरवाही दौरे के दौरान पत्रकारों से चर्चा में कही।

राज्य पुलिस मुख्यालय ने इस मामले को लेकर आधिकारिक प्रेस नोट जारी किया है। इसमें आईजी रतनलाल डांगी के खिलाफ दर्ज शिकायत का उल्लेख करते हुए जांच अधिकारी नियुक्त किए जाने की जानकारी दी गई है। जांच की जिम्मेदारी 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी डॉ. आनंद छाबड़ा को सौंपी गई है, जबकि आईपीएस मिलना कुर्रे को सहायक अधिकारी बनाया गया है।

सूत्रों के अनुसार, डॉ. छाबड़ा ने इस मामले में प्रारंभिक कार्रवाई करते हुए आईजी रतनलाल डांगी और शिकायतकर्ता महिला दोनों को बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस मुख्यालय में बुलाया है। जांच अधिकारी ने दोनों पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है ताकि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ सके।

क्या हैं-आरोप
पीड़िता, जो पेशे से योग शिक्षक हैं और एक एसआई की पत्नी हैं, ने 15 अक्टूबर को पुलिस मुख्यालय में जाकर डीजीपी को एक औपचारिक शिकायत सौंपी थी। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया है कि पिछले सात वर्षों से आईजी रतनलाल डांगी द्वारा उनका शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। महिला का दावा है कि अधिकारी ने विभिन्न बहानों से उनसे संपर्क बनाए रखा और समय-समय पर उन्हें परेशान किया।

दूसरी ओर, आईजी रतनलाल डांगी ने इन सभी आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया है। उनका कहना है कि यह पूरी साजिश उन्हें बदनाम करने के लिए रची गई है। डांगी का आरोप है कि महिला उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रही हैं और इसीलिए झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि खराब करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि वे जांच में सहयोग करेंगे और सच्चाई जल्द सामने आ जाएगी।

मुख्यमंत्री का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य की ब्यूरोक्रेसी लगातार विवादों में घिरी हुई है। उन्होंने कहा, “कानून सबके लिए बराबर है। अगर किसी भी अधिकारी पर आरोप लगते हैं, तो जांच निष्पक्ष होगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई से कोई नहीं बच सकेगा।” मुख्यमंत्री के इस बयान को प्रशासनिक तंत्र में सख्ती और जवाबदेही के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।फिलहाल पुलिस मुख्यालय ने जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। दोनों पक्षों के बयान दर्ज करने के बाद आगे की कार्यवाही तय की जाएगी।




