covid:75 मृतकों के नाम गायब,कैसे मिलेगी…सहायता…क्या कहते हैं…सीएमएचओ
🔻शासन की आधिकारिक सूची में जिले में 978 मौतें दर्ज जबकि स्वास्थ्य विभाग में 1053 के नाम🔻
रायगढ़।सुप्रीम कोर्ट से आदेश मिलने के बाद छग शासन ने कोरोना वायरस से मृतकों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये आर्थिक सहायता देने का फैसला
लिया है मगर शासन के रिकार्ड और स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में बड़ा अंतर है। शासन की सूची में जहां रायगढ़ जिले में 978 मौतें ही दर्ज हैं, वहीं जिला स्वास्थ्य विभाग में 1053 मृतकों का रिकार्ड है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि बचे हुए 75 मृतक के परिवारों को 50हजार रुपये की सहायता कैसे मिलेगी। स्वाभाविक है कि उन्हें आर्थिक सहायता पाने के लिए भटकना पड़ेगा।रायगढ़ जिले में भले ही अभी वैश्विक महामारी से राहत दिखायी दे रही है मगर संक्रमण काल में यहां बहुत तेजी के साथ कोरोना वायरस फैला था। शायद ही ऐसा कोई परिवार है जिसके घर में किसी न किसी सदस्य को कोरोना न हुआ हो। वायरस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग दिन-रात 24 घंटे मुस्तैद रहा। इसके बावजूद जिले में कोरोना वायरस से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। मृतकों में कई ऐसे लोग भी शामिल थे जिन पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी। ऐसे में उनकी मौत के बाद परिवार को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सुको से आदेश आने के बाद प्रदेश सरकार ने कोविड से मृत व्यक्ति के परिवार को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का फैसला लिया है। शासन ने इसके लिए बकायदा आंकड़ा जारी कर बताया है कि प्रदेश में अब तक कितने लोगों की जान जा चुकी है लेकिन शासन के आंकड़ों और जिला स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में बड़ा अंतर नजर आ रहा है। शासन के रिकार्ड के अनुसार 23 सितंबर 2021 तक रायगढ़ जिले में कोविड से कुल 978 लोगों की मौतें हुई हैं जबकि वास्तविक आंकड़े इससे कहीं ज्यादा है। जिला स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि यहां १1 मार्च 2020 से लेकर 310मार्च 2021 तक कोरोना की पहली लहर में कुल 24 हजार 555 लोग संक्रमित हुए और 334 लोगों की मौत हुई जबकि 1अप्रैल 2021 से सितंबर 2021 में 37 हजार 840 संक्रमितों के साथ कोविड की दूसरी लहर में 719 लोगों की जानें गई हैं।
🔻क्या कहते हैं डॉ.केशरी🔻

”आंकड़ों में अंतर होने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यदि किसी की मौत कोविड से हुई है तो उसे आर्थिक सहायता का लाभ मिलेगा। वैसे भी शासन के निर्देश पर आवेदनों की जांच व वेरिफिकेशन के लिए एडिशनल कलेक्टर,सीएमएचओ व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम गठित की गई है। टीम सभी प्रकरणों की जांच करेगी-डॉ.एसएन केशरी सीएमएचओ रायगढ़
🔻परिजनों को करनी होगी मशक्कत🔻
कोविड से मौत पर सरकारी आंकड़ों में ही फेर होने का खामियाजा कोरोना से मृतक के परिजनों को भुगतना होगा। आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए उन्हें ऑफिस-ऑफिस भटकना होगा। मृतक की मौत कोविड से ही हुई है, इसका प्रमाण देना होगा और पूरे दस्तावेज जांच
कराने होंगे। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आंकड़ों में अंतर होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। यदि किसी की भी मौत कोविड से हुई है तो उसे आर्थिक सहायता का लाभ मिलेगा। शासन के निर्देश पर इसके लिए एक कमेटी भी गठित की गई है जो कि प्राप्त होने वाले सभी दस्तावेजों की जांच व वेरिफिकेशन करेंगे।
🔻बढ़ भी सकते हैं मौत के आंकड़े🔻
कोविड से मौत पर आर्थिक सहायता की घोषणा के बाद जिले में कोरोना से मरने वालों के आंकड़ों में बढ़ोारी भी हो सकती है। अधिकारी भी इस बात को कबूल कर रहे हैं। चूंकि अगस्त महीने में भी कई मौतें दर्ज की गई है। इसके अलावे कई ऐसे मामले हैं जिसमें मरीजों ने पॉजीटिव होने की जानकारी छिपायी और फिर प्राइवेट या फिर बाहर प्रांत जाकर इलाज कराया और उनकी मौत हो गई मगर यह रिकार्ड स्वास्थ्य विभाग में दर्ज नहीं है।अब यदि उनके परिजन भी आर्थिक सहायता के लिए आवेदन करते हैं तो उनके पूरे दस्तावेजों की जांच होगी और कोविड डेथ प्रमाणित होगा तो उन्हें सहायता राशि दी जायेगी।
✍️ media partner kelo Pravah




