आस्थाखरसिया

आस्था की अमिट पहचान है खरसिया का राम-नाम-सप्ताह श्री हनुमान मंदिर में 121 वर्षों से हो रहा राम-सप्ताह का आयोजन

🚩प्रसिद्ध हो जाना कठिन बात है, परंतु अपनी प्रसिद्धि को बरसों नहीं सदियों तक कायम रख पाना निश्चित ही महान बात है। नगर में आयोजित होने वाला रामनाम-सप्ताह कुछ ऐसी ही अनुपम मिसाल बन चुका है🚩

🚩युवा वर्ग को धर्म के प्रति उदासीन बताने वालों को नगर में 121 वर्षों से प्रतिवर्ष होने वाले अखंड राम-नाम सप्ताह की एक झलक जरूर देखना चाहिए🚩

रायगढ़।जिले के खरसिया गंज स्थित श्रीहनुमान मंदिर से गूंजती अविरल राम-नाम की गूंज पूरे अंचल को पावन करती है। युवा वर्ग ही नहीं वरन महिलाएं एवं बच्चों तक को यह भक्तिमय आयोजन अपनी ओर खिंचे चले आने को विवश कर देता है। संगीतमय राम नाम की यह धुन हर किसी को सम्मोहित सी करती है। वहीं अंचल के सैकड़ों ग्राम एवं पूरे नगर के लिए यह राम-सप्ताह किसी भी तीर्थ से बढ़कर आस्था का केंद्र बन चुका है। रविवार 26 सितंबर से प्रारंभ राम सप्ताह में 7 दिनों तक दिन-रात अविरल राम-धुन गुंजायमान होती है।

🔻यह मौका नहीं आएगा बंदे..🔻

पूरे वर्ष में सिर्फ 7 दिन सुनाई देने वाली कर्णप्रिय आवाज राम-सप्ताह में ही सुनी जा सकती है। व्यस्त दिनचर्या में भी प्रतिदिन 2 से 3 घंटे झूमकर राम नाम गाने वाले राजू सपोसवाल की इस आवाज को सुनने के लिए सैकड़ों लोग सुबह-शाम हनुमान मंदिर में एकत्रित होते हैं। वहीं दीन-दुनिया को भूलकर राम-नाम में अलमस्त राजू जब झूम-कर राम-नाम गाते हैं, तब बरबस ही कैलाश सपोसवाल की यादें ताजा हो जाती हैं। एक दौर था जब कैलाशजी भी इसी तरह रामधुनी में मगन हो जाते थे।


🔻कहते हैं लोग इसे राम का दीवाना..छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना🔻

कहते हैं जहां श्रीराम नाम का संकीर्तन हो, वहां रामजी के अनन्य-भक्त हनुमान जरूर आते हैं। सप्तदिवसीय अखंड श्रीरामसप्ताह के इस आयोजन में यह स्वयंसिद्ध है कि यहां हनुमान जी अवश्य आते हैं! भत्तों के संग-संग राम धुन में मगन वे भी नाच रहे होते हैं.. हाँ, यह अलग बात है कि माया-मोह में फंसे हम उन्हें पहचान नहीं पाते।


🔻यहाँ मिलती है पीलीया से मुक्ति..🔻

गंज बाजार में स्थित हनुमान जी के इस दरबार में पीलिया रोग से मुक्ति मिलती है। ऐसा नहीं कि कोई औषधि दी जाती हो, वरन् यहां के पुजारी द्वारा मात्र हनुमानजी के मंत्रों और प्रभाव से रोगी को जिंदगी भर के लिए पीलिया से छुटकारा दिया जाता है। यह विद्या है या मंत्रों का प्रभाव या फिर भगवत्कृपा यह तो कहना मुश्किल है, परंतु पंडित हरनारायण शर्मा फिर उनके पुत्र पंडित गोविंद शर्मा और अब पंडित बिट्टू महाराज पलभर में यह करिश्मा कर देते हैं। पीलिया के निदान हेतु यह हनुमान मंदिर पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध है। वहीं नगर के अनेकों लोग अपनी अन्य बीमारियों से छुटकारे के लिए भी यहां झाड़ा लगवाने आते हैं।

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