छत्तीसगढ़

सद्गुरु इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के लिए आसान नहीं होगा क्षमता विस्तार, दर्जनभर गांव के ग्रामीण जनसुनवाई का विरोध करने कर रहे बैठक…

रायगढ़। ओपी जिंदल इंडस्ट्रियल पार्क पूंजीपथरा में स्थापित सद्गुरु इस्पात प्राइवेट उधोग के छमता विस्तार के लिए 12 नवम्बर को बंजारी मंदिर के समीप मैदान में रखी गई है। लेकिन इस कम्पनी को जनसुनवाई में समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है। इस प्लांट के प्रभावित दर्जन भर गांव में अब विरोध के स्वर फूटने लगे है। जनसुनवाई में किस तरह विरोध होगा इसके लिए गांव गांव में बैठकों का भी दौर शुरू हो गया है। प्रभावित ग्रामीणों का आरोप है कि प्लांट के मालिक ने प्लांट स्थापना के समय जो वायदे किये थे उसे पूरा नहीं किया।

कौड़ियों के दाम में ग्रामीणों से जमीन हथियाकर न तो ग्रामीणों को नोकरी दी और न ही गांव में किसी तरह का विकास करवाया। कंपनी ने प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में भी कोई कदम नहीं उठाया। आलम यह है कि कम्पनी के प्रदूषण से ग्रामीण बुरी तरह से प्रभावित हैं। लोग प्रदूषण औऱ डस्ट से बीमार हो चुके हैं। अब यही प्रदूषणकारी प्लांट अपना विस्तार करना चाहता है। ऐसे में प्रदूषण का स्तर और ज्यादा खतरनाक हो जाएगा। ग्रामीणों की माने तो अब इस प्लांट को वे और बढ़ने नहीं देना चाहते। इसलिए गांव में रणनीति बनाई जा रही है। जिसमे सबसे ज्यादा गुस्सा और विरोध युवाओं में दिख रहा है। ग्रामीणों की कृषि जमीन को कालिख में तब्दील करने वाले सद्गुरु इस्पात लिमिटेड को पूरी तरह से बंद करने की मांग भी बैठकों में हो रहा है। ऐसे में कम्पनी प्रबंधन के लिए छमता विस्तार के लिए जनसुनवाई को सफल बना पाना कठिन दिख रहा है। यहां बता दें कि जिले में सबसे प्रदूषित छेत्र पूंजीपथरा है। सद्गुरु प्लांट का यदि विस्तार होता है तो यह छेत्र लोगों के रहने लायक नहीं रह जायेगा। सदगुरू इस्पात के प्रभावित गांवों में मुख्य तौर पर देलारी, गेरवानी, सामारुमा, तूगीडीह, अमलीडीह, तराईमाल, छर्राटाँगर, पूंजीपथरा सहित 12 गांव आते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!