छत्तीसगढ़

नीट एग्जाम : धांधली करने वाले सरगना ने छत्तीसगढ़ में भी तलाशे ग्राहक..कोरबा और रायगढ़ के लोगों के साथ था संपर्क में..मुख्य आरोपी दुबई भागा…!

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ और कोरबा के लोगों से जुड़े हैं तार…।

रायगढ़/पटना/नीट एक्जाम में धांधली के मामले में सरगना पीके उर्फ प्रेम कुमार उर्फ निलेश कुमार के सॉल्वर गैंग पर क्राइम ब्रांच की कार्रवाई लगातार जारी है. सोमवार को भी वाराणसी, सारनाथ व अन्य जिलों की पुलिस ने यूपी, बेंगलुरु, जयपुर व दिल्ली में छापेमारी की. क्राइम ब्रांच को गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं.


टीम को पता चला है कि बिहार के पीके का सेंटर ऑफ सेटिंग बेंगलुरु है. इनकी निशानदेही पर क्राइम ब्रांच की टीम व अन्य राज्यों की पुलिस टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की है. पटना में भी पुलिस इस गैंग के नेटवर्क का पता लगाने में जुटी हुई है. हालांकि, इस बारे में पुलिस अधिकारी बताने से बच रहे हैं. लेकिन, पुलिस की विशेष टीम लगातार छापेमारी कर रही है.

पुलिस सूत्रों के अनुसार पीके दुबई भाग गया है. पीके अन्य राज्यों से किसी भी कैंडिडेट के कागजात कूरियर से मंगवाता था, ताकि कोई उसका चेहरा न देख पाये. पुलिस को जानकारी मिली है कि पीके लग्जरी गाड़ियों का काफी शौकीन है.पटना के पाटलिपुत्र स्थित मकान में गाड़ियों की लंबी कतार लगी रहती थी. उसके पास तीन से अधिक लग्जरी गाड़ियां हैं, जिनमें से दो को उसने हाल में ही खरीदा है. इनमें एक किसी और के नाम पर है. वह इन गाड़ियों का इस्तेमाल सिर्फ सॉल्वर और एजेंट को घुमाने के लिए करता था.

सबसे ज्यादा कैंडिडेट जयपुर से

पीके को जयपुर के सेंटर से ज्यादातर कैंडिडेट मिलते थे. इसी वजह से पीके का दूसरा सेटिंग सेंटर जयपुर था. पटना में वह एसकेपुरी, बुद्धा कालोनी और पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र में स्थित दो से तीन कैफे में आता-जाता था. यूपी की क्राइम ब्रांच टीम दो कैफे में भी गयी थी, जहां के कर्मियों को तस्वीर दिखाकर पीके और उसके साथ आने-जाने वाले साथियों के बारे में भी पूछताछ की.

जांच कर रही टीम को जानकारी मिली है कि दो महीने पहले पीके बेंगलुरु से लखनऊ आया था. उसके एक साथी से छत्तीसगढ़ के रायगढ़ और कोरबा के लोगों ने संपर्क किया था। अपने तीन करीबियों से ही पीके ने मुलाकात की और नीट में सेटिंग की पूरी तैयारी वहां के एक होटल में की थी और साॅल्वर और सेट अभ्यर्थियों से मुलाकात की थी.

पीके के तीन करीबी हैं, जो दिल्ली, जयपुर और बेंगलुरु में रहते हैं. मालूम हो कि पटना पुलिस ने डेढ़ साल पूर्व बोरिंग रोड स्थित अपार्टमेंट से अतुल वत्स गिरोह के आधा दर्जन एजेंट व सॉल्वर की गिरफ्तारी के बाद पीके ने पटना छोड़ दिया था.

अब तक क्राइम ब्रांच की टीम को जो दस्तावेज मिले हैं, उनमें ज्यादातर पीजी के कैंडिडेट के दस्तावेज हैं. नीट-यूजी और पीजी के लिए सेट अभ्यर्थियों से वह मोटी रकम वसूलता था. लेकिन, गिरोह सबसे अधिक पीजी के लिए मेडिकल छात्रों से सेटिंग करता था.

पीके के संपर्क में कई ऑनलाइन सेंटर भी हैं. यूपी, बिहार, राजस्थान में भी पीके और उसके साथी कई ऑनलाइन सेंटरों में सेटिंग करते थे. पीजी के लिए गिरोह एक बार में 30 से अधिक मेडिकल छात्रों की सेटिंग करता था और 50 लाख रुपये से अधिक वसूली करता था.

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