CG:मशहूर मोबाइल कंपनी वनप्लस फर्जी आईडी वैब पेज के जरिए ठगी….स्टेशन चौक स्थित वनप्लस का सर्विस सेंटर खोलने के नाम पर इतने लाखों की ठगी…और इतने लाख हुए होल्ड….पढ़ें न्यूज़ मिर्ची-24
🔻असली समझकर वनप्लस कस्टमर केयर से कारोबारियों ने सर्विस सेंटर खोलने की चर्चा की। पर वह निकली फर्जी🔻
🔻वनप्लस का सर्विस सेंटर खोलने के नाम पर 1520291, में से 7लाख रुपए चक्रधर नगर पुलिस द्वारा साइबर सेल की सक्रियता से होल्ड किया गया…🔻
रायगढ़ में अब जो मामला सामने आया है वह बेहद चौंकाने वाला है। इस बार मशहूर मोबाइल कंपनी वनप्लस की फर्जी आईडी वैब पेज के जरिए ही ठगी किया गया।जेके रेस्टोरेंट स्टेशन चौक के संचालक अजय खत्री और विजय खत्री ने बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर वनप्लस मोबाइल का सर्विस सेंटर खोलने की योजना बनाई।मौजूदा दौर में डिजिटलीकरण के साथ सायबर क्राइम के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। धोखाधड़ी करने वालों ने फर्जी बड़ी-बड़ी कंपनियों के जरिए फेसबुक से लेकर वैब पेज में आईडी लगाकर कई लोगों को लगा रहे हैं।चुना इसी कड़ी में रायगढ़ में एक कारोबारी से फर्जी वनप्लस मोबाइल कंपनी के कस्टमर केयर ने सर्विस सेंटर खोलने के नाम पर 15,20291रुपए संचालक द्वारा बैंक अकाउंट में ट्रांसफर रुपए किए गए।

जिसके बाद रुपए जैसे ही उनके बैंक अकाउंट से रूपए ट्रांसफर हुए,कारोबारी द्वारा वनप्लस मोबाइल कंपनी के व्यक्ति को फोन करने पर उनका मोबाइल स्विच ऑफ मिला तब संचालक को लगा कहीं ना कहीं हमारे साथ ठगी हुई है जिसकी जानकारी अपने बड़े भाई विजय खत्री को दी। दोनों भाइयों द्वारा तत्काल सिटी कोतवाली और चक्रधर नगर टीआई को मोबाइल के जरिए इस मामले की जानकारी दी।जहां तेज तर्रार साइबर सेल के कर्मठ और जुझारू पुलिसकर्मी राजेश पटेल को पूरी मामले की जानकारी दी जिसके बाद 15,20291रुपए में से ₹700000 ही होल्ड किए गए…।

तथा एक लिखित शिकायत रायगढ़ एडिशनल एसपी लखन पटेल को दी।आपको बता दे की अभी तक केवल फर्जी कस्टमर केयर के नाम पर फ्रॉड कॉल से ज्यादातर ठगी होती थी। कहीं बैंक से फोन के नाम पर एटीएम पिन मांगकर रकम निकाल ली जाती थी!

💥💥क्या है….पूरा मामला💥💥
रायगढ़ के कारोबारी ने वैब पेज साइड से नंबर निकाल कर कस्टमर केयर से बात की। वहां से उन्हें एक ईमेल आईडी मिला जिसे कंपनी के किसी अधिकारी का होने का दावा किया गया। इस नंबर से संपर्क कर दोनों कारोबारियों ने जरूरी दस्तावेज भेज दिए। सर्विस सेंटर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए पहले 15200 रुपए जमा कराए गए।जिसके बाद लगभग 15 लाख रुपए जमा करने को कहा गया और एक बैंक एकाउंट दिया गया एचडीएफसी रायगढ़ ब्रांच से राशि को आरटीजीएस के जरिए जमा कराए गए।जब मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया तो वह बंद मिला।संदेह होने पर अजय खत्री ने अपने छोटे भाई विजय को तुरंत बैंक भेजकर राशि ट्रांजेक्शन रुकवाया।जबतक 1520291 रुपए में से 7लाख ही होल्ड कर पाए,जिसके बाद जांच की गई तो पता चला कि एकाउंट पानीपत का है जबकि वनप्लस का एकाउंट भोपाल में है..

इस सोशल वैब पेज नेटवर्किंग वाले खेल में कई लोग पहले से ही ठगी के शिकार हो गए हैं…!




