सारंगढ़ । अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत गुडेली में शासन प्रशासन द्वारा जनसुनवाई का कार्यक्रम रखा गया था । जनसुनवाई में जहां एक तरफ विरोध तो दूसरी तरफ समर्थन का नारे लग रहे थे । वही रायगढ़ से आए सहायक कलेक्टर , सारंगढ़ एसडीएम , पुलिस बल एवं समस्त कर्मचारी मौजूद रहे । कई सामाजिक कार्यकर्ता वहां पर विरोध करने पहुंचे हुए थे । जब हमने उनसे बात किया तो उन्होंने कहा कि – हम विरोध नहीं कर रहे , हम तो सिर्फ शासन को दिखा रहे हैं कि – ऐसा करने से शासन को और यहां के रहने वाले ग्राम वासियों को तकलीफ होगी । वहीं एक तरफ समर्थन में भी सैकड़ों की संख्या में महिलाएं , पुरुष और युवाएं भी सामने आए । जिससे ऐसा लग रहा है की सिर्फ दिखावे के लिए ही विरोध किया जा रहा था ।

गुडे़ली – टिमरलगा में अब पच्चीस – पच्चीस करोड़ रूपया एक साल में आएगी । पच्चीस करोड़ को खर्चा करते-करते वहां एक नया विकास का ईबारत लिखी जायेंगी । समृद्धि का सौगात के रूप में काम करेगी । इस जनसुनवाई में शासन अनहोनी से बचाने के लिए अपनी तरफ से पूरी दल बल की व्यवस्था की थी । दलबल की उपस्थिति का कोई आवश्यकता नहीं रही । जनसुनवाई शांतिपूर्ण और गरिमा में वातावरण में संपन्न हुई है । वैसे तो जनसुनवाई में एक चीज देखने को मिला कि – जनसुनवाई के पक्ष या विपक्ष में अपनी बात रखने वाले गांव के कुछ लोग शराब पीकर आए हुए थे । समर्थन करने वालों को बाहर निकलने पर धमकाने – चमकाने का प्रयास भी किया गया और वहाँ विरोध करने की भी कोशिश की गई , जिसे शासन के नुमाइंदे ने वहाँ बीच-बचाव किया । यह सुनवाई अभी तो गर्म माहौल में है । अब यह देखने वाली बात होगी कि जन समर्थन में इसकी सुनवाई होती है या की जन विरोध में जारी रहती है । यह तो भविष्य बताएगा ।

विदित हो यह जनसुनवाई इस क्षेत्र के लिए सार्थक तब साबित होगी ? जब यह तीनों खदानें खुलेगी और सारंगढ़ नया जिला को राजस्व का एक सौगात मिलेगा । सारंगढ़ जिले के पास राजस्व के नाम पर कुछ नहीं है । पर्यटक के नाम पर गोमर्डा अभ्यारण्य और माडोसिल्ली है , लेकिन विकास के लिए उनके पास अभी पैसे नहीं हैं । अब यह तीनों खदान खुलेंगी तो शासन प्रशासन के पास पैसा आएगा । जिससे आने वाले भविष्य में यह सारंगढ़ जिले का गोमर्डा अभ्यारण देखने लायक पर्यटन स्थल बन जाएगा । रायगढ़ जिला एक अद्भुत प्राकृतिक संपदा से भरा हुआ है । जहां बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां हैं और कंपनियां हैं । वहां पर करोंडो रुपये का राजस्व (गोण खनीज ) आ रहा है और सीएसआर की राशि नगर निगम और जिलापंचायत को भी प्राप्त हो रहा है । उससे गांव में और शहर में रहने वाले लोगों का विकास हो रहा है । लेकिन अब रायगढ़ जिले से सारंगढ़ अलग हो चुका है इसकी राजस्व आने की सुविधा और कहीं से नहीं है , सिर्फ और सिर्फ यहां के गौण खनिज ग्राम गुडे़ली – टिमरलगा से ही आ सकता है । इसलिए इन तीनों खदान की सहमति शासन प्रशासन को नियम कायदे में रहकर दे देना चाहिए ।
ज्ञातव्य है कि – अगर तीनों खदानों की सहमति शासन-प्रशासन दे देती है तो यह एक नया अध्याय सारंगढ़ जिला के नाम पर लिखा जाएगा । जिससे क्षेत्र में विकास के कार्य होगें । यहां की जनसुनवाई में पेशेवर लोगों ने आरोप लगाया कि – इसकी मुनादी नहीं कराई गई थी । इसका कहीं भी किसी प्रकार के जानकारी नहीं थी और अन्य क्षेत्र के लोगों को भी जानकारी नहीं दी गई थी । जबकि जनसुनवाई की भीड़ को देखते हुए इस बात को नकारा जा सकता है , जनसुनवाई में हजारों की संख्या में भीड़ थी । एक तरफ सहयोग और दूसरी तरफ विरोध का भीड़ देखने को मिला । फिरहाल तो आगे शासन-प्रशासन ही बता पाएगा कि – यह तीन खदान खुलेगी या फिर बंद हो जाएगी । वहीं बता दें कि – पूर्व से शासन द्वारा उन तीनों खदानें माइंस को जारी कर दिया गया है । जैसे रायगढ़ जिला में जन सुनवाई हुआ था । अब देखने वाली बात होगी कि – इन तीनों खदान को शासन प्रशासन अनुमति देती है या नहीं ? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा ।




