छत्तीसगढ़

राष्ट्रीयता स्तर की बाल कत्थक नृत्यांगना शाम्भवी से गोमति साय ने की मुलाकात
साँसद को अपने मध्य पाकर कलाकार परिवार हुआ प्रसन्न

रायगढ़ :-राष्ट्रीय स्तर पर पुरुस्कृत बाल कत्थक नृत्यांगना शाम्भवी शुक्ला का परिवार सहसा अपने निवास स्थान पर सांसद गोमति साय को पाकर प्रसन्न हो गया l अपने संसदीय क्षेत्र में निरन्तर सक्रिय रहने वाली गोमति साय ने शहर का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करने वाली बाल कलाकार शाम्भवी शुक्ला से मुलाकात कर इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए परिवार जनों को बधाई दी l इस दौरान जिलाभाजपा अध्यक्ष उमेश अग्रवाल भी मौजूद रहे l माता आँचल शुक्ला पिता मनीष शुक्ला से सांसद साय ने मुलाकात के दौरान कहा कि आपकी दोनो बेटियाँ बेटों से कम नही l 9 वर्षीय बड़ी बेटी शाम्भवी के अंदर अपार संभावनाएं है l

गोमति साय ने कहा कि छोटी सी उम्र में ही पढ़ाई के साथ साथ नृत्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन करने पर वे भाजपा परिवार व क्षेत्र की जनता की ओर से आभार व्यक्त करने उनके निवास आई है l पिता मनीष शुक्ला शाम्भवी के सबंन्ध में गोमति साय से जानकारी साझा करते हुए भावुक भी हो गए l पिता ने बताया कि ओपी जिंदल की कक्षा 4 में अध्यनरत उनकी बड़ी बेटी को नृत्य के साथ आर्ट औऱ क्राफ्ट का भी शौक है l नृत्य के क्षेत्र में आने के लिए माँ ने लगातार हौसला अफजाई किया l इस मुकाम तक पहुँचने का सफर भी संघर्षों से भरा रहा l गुड्डे गुड़ियों के साथ खेलने की उम्र में शाम्भवी को 5 साल की उम्र से ही नृत्य का शौक रहा है । इस शौक को देखते हुए पलको ने कथक नृत्य की शिक्षा शुरू कराई गई l 6 वर्ष की उम्र में भिलाई में हुए राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में पहली बार शाम्भवी ने भाग लिया l उसके बाद कटक एवं नागपुर में हुई प्रतियोगिता में शामिल हुई l इसके अलावा अन्य बहुत सी नृत्य प्रतियोगिता में पुरस्कार हासिल किए l नागपुर में आयोजन के दौरान तेज बुखार हुआ यह परीक्षा का समय भी था लेकिन नृत्य के प्रति शाम्भवी की लगन निष्ठा की वजह से आयोजन में चौथा स्थान हासिल किया l कई बार प्रतियोगिता की तैयारी के साथ- साथ स्कूल की पढ़ाई में तालमेल बैठाना काफी कठिन होता था l ईश्वर के प्रति आस्था व माता पिता गुरुजनों के आशीर्वाद ने शाम्भवी की राह को सम्भव किया l घंटों नृत्य की प्रैक्टिसव स्कूल के होम वर्क के मध्य तालमेल बैठाना कठिन रहा लेकिन माँ के निरन्तर मार्गदर्शन ने राह आसान कर दी l माँ पर घरेलू कामकाज का दबाव था छोटी बहन श्रेष्ठा शुक्ला (ईवा) की देखभाल के साथ वे पूरा समय देती थी l प्रतियोगिता में शामिल होने की अनिवार्यता की वजह से पिता का कामकाज भी प्रभावित होता रहा लेकिन दोनो ही अपनी बेटी को शीर्ष स्थान पर देखना चाहते थे lकला संस्कृति की नगरी रायगढ़ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना शाम्भवी का लक्ष्य है l नृत्य के क्षेत्र शाम्भवी कुछ ऐसा कर दिखाना चाहती है कि अन्य लोगो को भी प्रेरणा मिल सके l श्री नटराज नृत्य कला केंद्र की शिक्षिका श्रीमती सोमा दास शाम्भवी की कत्थक गुरु है l पिता मनीष ने सांसद साय से कहा कि बच्चो के अंदर अपार संभावनाएं छिपी होती है लेकिन इसके उभारने का उचित मंच नही है l ऐसे उत्साही बच्चो को सामने लाने के लिए ऐसा कोई मंच अवश्य होना चाहिए ताकि उनकी छिपी हुई प्रतिभा को निखारा जा सके l अखिल लोक कला सांस्कृतिक मंच पुणे द्वारा आयोजित यूनिवर्सल हार्मोनी प्रतियोगिता राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की गई थी जिसमे शाम्भवी शुक्ला ने कत्थक जूनियर कैटिगिरी में प्रथम स्थान हासिल कर शहर का नाम रौशन किया l प्रतियोगिता ऑनलाइन आयोजित की गई थी l जिसमे देश के विभिन्न बच्चो ने भाग लिया l इस गर्वीली उपलब्धि के अलावा शाम्भवी ने ओ.पी.जिंदल स्कूल में मैथ्स ओलम्पियर्ड में गोल्ड मैडल हासिल किया और विभिन्न जगहों में आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में भी पुरुस्कार हासिल किए l

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